होटल के कमरे की बुकिंग करते समय फ़ोन की मदद से ऐसे करें छिपे कैमरों की पहचान, बड़े काम की है ये जानकारी

किसी नए शहर में होटल में रुकने जा रहे हैं तो अलर्ट रहना जरूरी है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब होटल में रुकने वालों का हिडेन कैमरा से वीडियो बना लिया जाता है और उनकी जासूसी की जाती है। 
होटल के कमरे की बुकिंग करते समय फ़ोन की मदद से ऐसे करें छिपे कैमरों की पहचान, बड़े काम की है ये जानकारी  
टेक डेस्क, दून हॉराइज़न, नई दिल्ली

इसके अलावा ब्लैकमेलिंग के केस भी सामने आते रहे हैं। अच्छी बात यह है कि आप स्मार्टफोन के जरिए आसानी से हिडेन कैमरा का पता लगा सकते हैं। आइए इसका तरीका जानते हैं। 

लेटेस्ट स्मार्टफोन्स में कई कैमरा लेंस और की सेंसर लगे होते हैं, जिनका इस्तेमाल करते हुए बाकी हिडेन कैमरा का पता लगाया जा सकता है। होटल्स में स्मोक डिटेक्टर्स से लेकर एयर प्यूरिफायर्स और AC फ्लैप्स से लेकर किसी ग्लास या मिरर के पीछे हिडेन कैमरे हो सकते हैं।

सबसे पहले पूरे रूम को अच्छे से देखें और समझने की कोशिश करें कि कौन से उपकरण कमरे में ना होते तब भी काम चल सकता था। अब नीचे बताए गए तरीके आजमाएं। 

स्मार्टफोन के कैमरा की मदद से

ज्यादातर स्पाई कैमरा या हिडेन कैमरा इंफ्रारेड इस्तेमाल करते हैं और स्मार्टफोन कैमरा इस लाइट को देख सकता है। अपने फोन का कैमरा ऑन करें और हर संदिग्ध जगह या चीज पर पॉइंट करते हुए देखें कि कोई लाइट तो नहीं ब्लिंक कर रही है। 

फोन के फ्लैशलाइट की मदद लें

कमरे की सारी लाइट्स ऑफ कर दें और इसके बाद फोन का फ्लैश या टॉर्च ऑन करें। अब कमरे में सभी जगह इस फ्लैशलाइट की रोशनी से देखें और अगर कहीं छोटा सा भी कैमरा लेंस है तो वहां रिफ्लेक्शन दिखेगा। अगर आप फोन कैमर पर भी फ्लैग ऑन करते हैं तो समझ आएगा कि यह कितनी तेजी से नीले रंग के आसपास चमकता दिखता है। सर्च कर सकते हैं WiFi नेटवर्क

अगर आपके रूम में कोई हिडेन कैमरा वायरलेस नेटवर्क इस्तेमाल कर रहा है तो इसके ऐक्टिव नेटवर्क का पता थर्ड-पार्टी ऐप्स के जरिए लगाया जा सकता है। आप गूगल प्ले स्टोर या ऐपल ऐप स्टोर पर जाकर Fing जैसे ऐप्स डाउनलोड कर सकते हैं। यह ऐप आसपास मौजूद कैमरा की जानकारी कैमरा आइकन दिखाते हुए देता है। 

RF डिटेक्टर एक्सेसरी की मदद से

छुपे कैमरों का पता लगाने के लिए अतिरिक्त हार्डवेयर के तौर पर RF डिटेक्टर इस्तेमाल किए जा सकते हैं और ये कैमरा से निकलने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी का पता लगते ही अलार्म प्ले करते हैं या अलर्ट देते हैं। RF डिटेक्टर को फोन के USB टाइप-C पोर्ट में लगाकर इस्तेमाल किया जा सकता है।

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