Chanakya Niti: घर परिवार के लिए ऐसी औरत होती है हानिकारक, मर्द समझ ले ये बात
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में बदचलन महिलाओं के बारे में बहुत कुछ कहा गया है। जिन पर विचार करने और उन बातों को मानने वाले व्यक्ति के जीवन में कभी दुख या धोखा नहीं आता।लेडीस फर्स्ट का मुद्दा आम है। किंतु देवी का रूप लेने वाली स्त्रियां अक्सर ऐसे अपराध करती हैं कि घर परिवार समाज और यहां तक कि स्त्रियों को देवी कहना भी कलंकित लगने लगता है।
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में बदचलन महिलाओं के बारे में बहुत कुछ कहा गया है। जिन पर विचार करने और उन बातों को मानने वाले व्यक्ति के जीवन में कभी दुख या धोखा नहीं आता। आचार्य ने अपनी किताब में आज भी होने वाली कई घटनाओं के बारे में लिखा है। ऐसे ही आचार्य चाणक्य ने महिलाओं के बारे में कुछ ऐसी बातें बताई हैं जिन्हें जानकर आप किसी भी मूर्ख महिला के प्रेमजाल में नहीं फंसेंगे।
ये क्या हैं? बदचलन स्त्रियों की पहचान: आचार्य चाणक्य ने कहा कि जिन स्त्रियों के पैर की कनिष्ठा उंगली धरती पर नहीं टचती और उनके अंगूठे की उंगली अंगूठे से ज्यादा लंबी होती हैं, वे समय के साथ अपना चरित्र बदलते हैं।
यह अपने व्यवहार से क्रोधित हैं। इन पर नियंत्रण करना मुश्किल है। इसलिए इन स्त्रियों पर भरोसा कभी नहीं किया जा सकता। स्त्रियों के मोटे पांव घर के लिए अशुभ हैं। ऐसी स्त्रियों का पेट घड़ी की तरह होता है और वे पूरे जीवन दरिद्रता का सामना करती रहती हैं। महिलाओं का लंबा और गद्देदार पेट बुरा समय का संकेत है।
जिन महिलाओं के कानों में अधिक बाल होते हैं और उनका आकार समान नहीं होता, वे घर में परेशान करती हैं। ऐसी स्त्री के जीवन में दुखों के बादल छाए रहते हैं, जिसके लंबे और चौड़े दांत बाहर निकलते हैं। काली मसूड़ों वाली महिलाएं भी दुर्भाग्य की निशानी हैं।लंबा ललाट वाली महिलाएं अपने देवर के लिए बुरी हैं।
महिलाओं का पेट लंबा और कमर के नीचे भारी बताया गया है। जिन स्त्रियों का कद लंबा और होंठ के ऊपरी भाग में बाल हैं, वे अपने पति के लिए अच्छी नहीं हैं।
जिन स्त्रियों का मसूड़ा काला होता है, उनके व्यवहार, आचरण और लक्षणों को देखकर पता लगाया जा सकता है कि वे दुर्भाग्यपूर्ण हैं। महिला दूसरों को दुख देती है क्योंकि उसके हाथ में मांसाहारी पशु पक्षी है। जिन महिलाओं की गर्दन चार उंगलियों से अधिक होती है, वे अपने ही वंश को बर्बाद करती हैं।
यह सभी गुण हर महिला में दिखाई देते हैं। लेकिन कहते हैं कि हर महिला ममता की मूर्ति होनी जरूरी नहीं; इसी तरह, हाथों की पांचों उंगलियां समान नहीं होती। हमारे समाज में स्त्रियां परिवार का मानक हैं। महिला को यह भी जिम्मेदारी दी जाती है कि उसके परिवार की इज्जत को चोट न लगे।
यह सभी गुण हर स्त्री में होते हैं। लेकिन कहते हैं ना कि हर हाथ की पांचों उंगलियां समान नहीं होती, उसी तरह हर महिला ममता की मूर्ति होनी चाहिए। हमारे समाज में स्त्रियां घर परिवार की इज्जत हैं। महिला को परिवार की इज्जत बचाने की भी जिम्मेदारी दी जाती है।
महिलाएं अपने घर की गरिमा को बचाने के लिए हर संभव उपाय करती हैं। अपने सामाजिक और नैतिक व्यवहार को शुद्ध करती है। चाणक्य ने कहा कि स्त्री जाति पूजनीय जाति है, लेकिन कुछ स्त्रियां अपने बुरे चरित्र और बदचलन चरित्र से दूसरों के जीवन पर बुरा प्रभाव डालती हैं। ऐसी महिलाएं सिर्फ एक पुरुष से प्यार नहीं कर सकतीं।
चाणक्य सिद्धांत (Chanakya Niti) के अनुसार, ये स्त्रियां अपने मन और बोल को एकजुट नहीं कर पाती, जो चरित्रहीन स्त्री का लक्षण है। इनकी जुबां भी कुछ और बोलती है। बदचलन महिलाओं को एक से अधिक मर्दों से शारीरिक संबंध बनाने में लज्जा नहीं आती। ऐसी महिलाओं के कई पुरुष दोस्त हैं। और ये सभी को अपने प्रेम के जाल में फंसा कर रखती हैं।
इन स्त्रियों के मन में कोई और है और वे किसी और पुरुष के साथ संबंध बना रहे हैं। ऐसी औरतें दूसरे से प्यार करती हैं और प्यार का इजहार भी करती हैं।ऐसी स्त्रियां हमेशा लोगों को लुभाती हैं। ऐसी महिलाएं पूरी कोशिश करती हैं कि उसे लोग देखें।
वो इसके लिए किसी भी स्तर तक जा सकती हैं। बदचलन महिलाएं एकमात्र पुरुष नहीं हैं। उनकी मांगों के अनुसार उनका प्रेमी और साथी बदलते रहते हैं।