Chanakya Niti : महिलाओं में ये लक्षण हैं धोखेबाजी के संकेत, इन लक्षणों से पहचानें धोखेबाज महिला

महिलाएं अपने अंदर बहुत से राज छिपाए रखती हैं और उन्हें बाहर निकालना किसी के लिए भी आसान नहीं होता। आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) ने इसका भी हल निकाला है।
Chanakya Niti : महिलाओं में ये लक्षण हैं धोखेबाजी के संकेत, इन लक्षणों से पहचानें धोखेबाज महिला
दून हॉराइज़न, नई दिल्ली 

चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति के विभिन्न अंगों की संरचनाओं के आधार उसके स्वभाव के बारे में पता चलता है। चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में स्त्रियों की छाती व नाभी व पैर की संरचना के आधार पर उनके स्वभाव के बारे में बताया गया है। चाणक्य नीति के अनुसार स्त्री की छाती की संरचना व नाभी को देखकर उसके स्वभाव विशेषताओं के बारे में बताया गया है।

स्त्री के नाभ‌ि का बड़ी और गहरी होना भी शुभ लक्षण माना गया है। चाणक्य नीति के अनुसार जिस स्त्री की नाभि बड़ी, गहरी और दाएं ओर मुड़ी होती है तो ऐसी स्‍त्री धन, सुख और संतान से संपन्न होती है।
जिन स्त्रियों के पैर लंबे और च‌िकने होते है देवी लक्ष्मी के समान शुभ माने गये हैं। ऐसी लंबी टांगों वाली महिलाएं को विरासत से ही काफी कुछ मिलाता है इस प्रकार की महिलाओं के शादी के बाद भी पैसों की कमी नहीं आती है।

जिन स्त्रियों की छाती चौड़ी होती है, वे स्त्रियां साहसी, अहंकारी व क्रोधी स्वभाव वाली होती हैं। ये परिवार पर अपना सिक्का चलाने का प्रयास करती रहती हैं।

जिन स्त्रियों की छाती लाल रंग की या फिर एकदम काले रंग की होती है, वे स्त्रियां सुंदर व अधिक पुत्रों को जन्म देने वाली होती है। ऐसी स्त्रियां सांसरिक छल-प्रपंचो से दूर रहना ही पसन्द करती है।

जिन स्त्रियों की छाती पर हल्के बाल होते हैं, वे स्त्रियां अनेक पुरूषों के साथ रमण करने वाली होती है। कामशक्ति में लिप्त रहती है। पराये पुरुषों संबंध बनाती है।

जिन स्त्रियों की छाती उंची व पुष्ट होती है वे स्त्रियां अनेक प्रकार के सुखों को भोगने वाली होती हैं एवं धन-धान्य व ऐश्वर्य से परिपूर्ण होती है।

जिन स्त्रियों की छाती नीची व लटकी हुई होती है, वे जिस परिवार में जाती हैं वहां पर दरिद्रता आने की आशंका रहती है। ऐसी स्त्रियां अपने पति से हमेशा झगड़ा करने वाली मानी जाती हैं।

गुण- त्याग,चरित्र और स्वभाव के अलावा, व्यक्ति के गुण भी किसी रिश्ते में बेहत अहम हैं. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि एक स्त्री के गुण ही परिवार और समाज के निर्माण में सहायक होते हैं. सद्गगुण वाली स्त्री जहां पति और परिवार के लिए भाग्यशाली होती है तो वहीं अवगुण वाली स्त्री परिवार और समाज का नाश कर सकती है. 

स्वार्थ- एक स्वार्थी स्त्री कभी भी अच्छी पत्नी या मां नहीं हो सकती है. त्याग का भाव ही एक महिला को पुरुष से ज्यादा वफादार बनाता है. ऐसी स्त्री जो सिर्फ खुद के बारे में ही सोचे वो कभी भी धोखा दे सकती है. अपने स्वार्थ के लिए वो किसी भी हद तक जा सकती है. 

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