उत्तराखंड में जंगलों की आग से तबाही, 24 घंटे में 2 घर जलकर हुए राख

उत्तराखंड में जगलों की आग आफत बनती जा रही है। पिछले 24 घंटे में 40 वनाग्नि की घटनाएं सामने आईं हैं। 
उत्तराखंड में जंगलों की आग से तबाही, 24 घंटे में 2 घर जलकर हुए राख 
दून हॉराइज़न, देहरादून (उत्तराखंड)

अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर थाना क्षेत्र में गुरुवार को जंगल की आग की चपेट में आने से नेपाली मूल के एक श्रमिक की मौत हो गई, जबकि दो महिलाओं समेत तीन श्रमिक गंभीर रूप से घायल हो गए।

तीनों घायलों को उपचार के लिए बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया। 90 फीसदी से अधिक जलने के कारण तीनों को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। अल्मोड़ा वन रेंज के अधिकारियों के मुताबिक गुरुवार शाम करीब साढ़े चार बजे सूचना मिली कि ताकुल विकासखंड अंतर्गत आने वाले गणनाथ के पास बेस्यूनाराकोट के जंगल में भीषण आग लग गई है।

वनाग्नि की घटना के वक्त उसी जंगल में दीपक, शीला, पूजा और ज्ञान लीसा दोहन का काम कर रहे थे। एकाएक जंगल की आग उनकी ओर बढ़ गई। चारों ने दोहन किए हुए लीसे को आग से बचाने का प्रयास किया, लेकिन जब तक चारों कुछ समझ पाते आग ने उन्हें चारों तरफ से चपेट में ले लिया। चारों श्रमिकों के चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए।

उन्होंने चारों को आग की लपटों से बाहर निकाला, लेकिन तब तक 35 वर्षीय दीपक पुजारा की मौत हो चुकी थी। आग से झुलसे शीला, पूजा और ज्ञान बहादुर को स्थानीय लोगों ने पिकअप वाहन से बेस अस्पताल भेजा। जहां से उनकी गंभीर हालत को देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।

अल्मोड़ा के वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि बेस्यूनाराकोट के जंगल में लीसा दोहन का काम करने वाले चार मजदूर वनाग्नि की चपेट में आ गए थे। एक मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन घायल हुए हैं। तीनों को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है।

वनाग्नि की 804 घटनाएं

उत्तराखंड में जंगलों की आग थमने का नाम नहीं ले रही है। गुरुवार को प्रदेशभर में 24 घंटे में 40 घटनाएं दर्ज हुईं। इसमें 64 हेक्टेयर जंगल जल गए। वहीं इस सीजन में अब तक जंगल जलने का आंकड़ा 1011 हेक्टेयर पहुंच गया है, जो पिछले पूरे फायर सीजन से ज्यादा है। अब तक उत्तराखंड में 804 घटनाएं आग की हो चुकी हैं। इसके बाद वन विभाग पूरी तरह से हाईअलर्ट मोड में आ गया है।

जंगल की आग लोगों के घरों तक पहुंची

कुमाऊं में बुधवार रात को पिथौरागढ़, चम्पावत और बागेश्वर में तीन घर आग की चपेट में आ गए। गनीमत रही कि इन घरों में वर्तमान में कोई नहीं रहता था। इससे बड़ा हादसा टल गया। पिथौरागढ़ के धौलकांडा गांव में आग की चपेट में आए घर में रखा सारा सामान जल गया।

चम्पावत में क्वारसिंग गांव में बुधवार देर शाम गेठान तोक में मकान जला है। बागेश्वर के जौलकांडें में भी दो मंजिला मकान जंगल की आग से पूरी तरह जल गया। पिथौरागढ़-चम्पावत के जंगलों में आग का कहर जारी है। आग से दोनों स्थानों में दो मकान जल गए। पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से लेकर बेरीनाग, थल, कनालीछीना, डीडीहाट और बेरीनाग में जंगलों में आग की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।

सीमांत के 14 जंगल बीते 48 घंटे से आग से धधक रहे हैं। इस वजह से बडे पैमाने पर वन संपदा को नुकसान पहुंच रहा है। जंगलों से उठता धुंआ चारों ओर फैल चुका है। इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।

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