देहरादून के छात्रों ने 2023 - 24 ओलंपियाड पुरस्कारों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया

समारोह में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिसरा ने 700 से अधिक उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “ आर्टिफिसियल इंटलीजेंस का प्रयोग मात्र एक टूल की करना चाहिए
देहरादून के छात्रों ने 2023 - 24 ओलंपियाड पुरस्कारों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया
दून हॉराइज़न, देहरादून (उत्तराखंड)

विश्व के सबसे बड़े ओलंपियाड, साइंस ओलंपियाड फाउंडेशन द्वारा आयोजित इंटरनेशनल ओलंपियाड परीक्षा 2023-24 में देहरादून के तीन छात्रों ने  इंटरनेशनल रैंक हासिल की है। जीसस एंड मैरी हाई स्कूल की आठवीं कक्षा की छात्रा धृति पंवार ने इंटरनेशनल इंग्लिश ओलंपियाड में प्रथम स्थान प्राप्त किया, तथा अंतर्राष्ट्रीय स्वर्ण पदक और  प्रमाण-पत्र प्राप्त किया दूसरी ही और समर वैली स्कूल की आठवीं कक्षा की छात्रा हिया ने भी इंटरनेशनल इंग्लिश ओलंपियाड में दूसरा स्थान प्राप्त किया, तथा अंतर्राष्ट्रीय रजत पदक और प्रमाण-पत्र प्राप्त किया और साथ ही साथ द एशियन स्कूल की दसवीं कक्षा की छात्रा शांभवी ने भी इंटरनेशनल इंग्लिश ओलंपियाड में दूसरा स्थान प्राप्त किया, तथा अंतर्राष्ट्रीय रजत पदक और प्रमाण-पत्र प्राप्त किया।

इस वर्ष के एसओएफ ओलंपियाड में 70 देशों के लगभग लाखो छात्रों ने भाग लिया, जिनमें देहरादून के 30,154 से अधिक छात्र शामिल थे। प्रतिभागियों में द आर्यन स्कूल, जीसस एंड मैरी स्कूल सहित देहरादून के प्रसिद्ध स्कूल शामिल थे।

साइंस ओलंपियाड फाउंडेशन (एसओएफ) ने डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर दिल्ली  में एसओएफ ओलंपियाड विजेताओं 2023-24 की उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए 26 वां सम्मान  समारोह आयोजित किया। इस अवसर पर भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिसरा और प्रसिद्ध लेखक एवं स्तंभकार चेतन भगत भी मौजूद थे।

समारोह में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिसरा  ने 700 से अधिक उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “ आर्टिफिसियल इंटलीजेंस का प्रयोग मात्र एक टूल की  करना चाहिए, उन्होंने कहा की एआई इंसान का स्थान नहीं ले सकती, उन्होंने  छात्रों को सम्बोधित करते हुए  की, प्रतिस्पर्धा कभी समाप्त नहीं होती, जब आप प्रतिस्पर्धा के बारे में बात करते हैं, तो सफलता उसके पीछे आती है क्योंकि हर कोई सफल होने के लिए प्रतिस्पर्धा करता है। सफलता ही वास्तविक उपलब्धि है।

उन्होंने आगे कहा कि कोई व्यक्ति ‘समय’ पर महारत हासिल करने में सक्षम नहीं हो सकता है, लेकिन उसे समय का प्रबंधन करने के लिए दृढ़ संकल्प होना चाहिए। युवा छात्रों को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि उन्होंने कहां से पढ़ाई की है और अपनी मातृ संस्था को कभी न भूलें। ।

इसके साथ ही, 70 प्रतिभागी देशों के शीर्ष 26 प्रिंसिपलों और शीर्ष 60 शिक्षकों, जिनके छात्रों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर असाधारण प्रदर्शन किया उनको  पुरस्कार, स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

इसके अलावा, एसओएफ ने युवा पीढ़ी के बीच हिंदी भाषा को प्रोत्साहित करने, अपनी मातृभाषा में गहरी प्रशंसा और दक्षता विकसित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड को शुरू करने  की घोषणा की। इस नए ओलंपियाड का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर छात्रों के बीच भाषाई और सांस्कृतिक गौरव को बढ़ावा देना है।

छात्रों के साथ बातचीत करते हुए, भारतीय लेखक और स्तंभकार चेतन भगत ने कहा, “जब आपको किसी चीज़ के लिए मान्यता और पुरस्कार मिलते हैं, तो आपको लगता है कि मुझे इसे और अधिक करना चाहिए। यह आपकी क्षमता की पहचान है। क्षमता का मतलब यह नहीं है कि परिणाम की गारंटी है। आपको काम करना होगा और फिर आप उस क्षमता को किसी खूबसूरत चीज़ में बदल सकते हैं।”

एआई  टेक्नोलॉजी  पर बोलते हुए उन्होंने आगे कहा कि  एआई चीजों को आसान तो बना सकता है लेकिन यह कभी भी इंसानों की जगह नहीं ले सकता।  एआई कला नहीं बना सकता, इसमें मानवीय स्पर्श की कमी है।

एसओएफ के संस्थापक निदेशक श्री महावीर सिंह ने ओलंपियाड परीक्षाओं के आयोजन के 26 साल पूरे होने पर गर्व से घोषणा की। उन्होंने कहा, “2023-24 के शैक्षणिक वर्ष में, 70 देशों के 91,000 से अधिक स्कूलों ने भाग लिया, जिसमें लाखों छात्र शामिल थे। 7000 स्कूलों के 1,30,000 से अधिक छात्रों ने शीर्ष राज्य-स्तरीय रैंक के लिए पुरस्कार प्राप्त किए, और 1,000,000 से अधिक छात्रों को अपने स्कूलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए "उत्कृष्टता के स्वर्ण पदक" से सम्मानित किया गया।

इसके अतिरिक्त, 3,500 प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को छात्रों के शैक्षणिक ज्ञान को बढ़ाने के लिए उनके समर्पण के लिए सम्मानित किया गया।" समारोह के दौरान विभिन्न पहलों की घोषणा की गई, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की मेधावी बालिकाओं और शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले रक्षा सेवा परिवारों के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति शामिल है।

पुरस्कार सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि प्रोफेसर वाई.एस. राजन, पूर्व विक्रम साराभाई प्रतिष्ठित प्रोफेसर इसरो, सीएस आशीष मोहन, सचिव, भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (ICSI) और श्री आर. रवि, सीईओ, संस्थापक एपिएन्स सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड, बेंगलुरु।
 

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