धोखाधड़ी से बचने के लिए RBI ने दिए ये निर्देश, जानें कौन से खाते हैं सबसे ज्यादा असुरक्षित

भारतीय रिजर्व बैंक के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंकों को रिटेल डिपॉजिट (retail deposit) पर लिक्विडिटी कवरेज रेशियो को एक हाई ‘रन-ऑफ फैक्टर’ तय करना होगा, जिसे इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है. 
धोखाधड़ी से बचने के लिए RBI ने दिए ये निर्देश, जानें कौन से खाते हैं सबसे ज्यादा असुरक्षित

देशभर के बैंकों के लिए नियम बनाने और निगरानी करने वाले केंद्रीय बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल बैंक अकाउंट्स को लेकर बड़ी चिंता जाहिर की है. नए गाइडलाइंस में रिजर्व बैंक ने डिजिटल अकाउंट को उच्च जोखिम वाला अकाउंट कहा है.

RBI ने डिजिटल अकाउंट में जमा पैसे को हॉट मनी बताया है.इसका मतलब है क‍ि इस पैसे को जल्दी निकाला जा सकता है और इससे बैंक को र‍िस्‍क रहता है.

RBI के नए न‍ियमों के अनुसार बैंकों को ऐसे रिटेल सेव‍िंग अकाउंट (saving account) को हाई र‍िस्‍क वाली कैटेगरी में रखना होगा. क्योंकि इन खातों से नेट बैंक‍िंग या मोबाइल बैंकिंग के जरिये आसानी से पैसा न‍िकाला जा सकता है.

विदेश में हुए बैंकिंग क्राइसिस से सबक

डिजिटल अकाउंट (Digital Account) को लेकर आरबीआई का यह फैसला पिछले साल सिलिकॉन वैली बैंक की परेशानी को देखते हुए लिया गया है. इस बैंक के आर्थिक हालात खराब होने की जानकारी म‍िलते ही लोगों ने चंद घंटों में डिजिटल मोड से अपना सारा पैसा न‍िकाल ल‍िया था.

भारतीय रिजर्व बैंक के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंकों को रिटेल डिपॉजिट (retail deposit) पर लिक्विडिटी कवरेज रेशियो को एक हाई ‘रन-ऑफ फैक्टर’ तय करना होगा, जिसे इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है.

रन-ऑफ फैक्टर जमा की गई राश‍ि का वह हिस्सा है, ज‍िसके क‍िसी संकट की स्थिति में निकाले जाने की उम्मीद सबसे पहले होती है.

बुरे वक्त में बैंकों की भलाई के लिए ये जरूरी

आरबीआई की ओर से जारी क‍िये गए एलसीआर नियमों का मकसद यह तय करना है क‍ि बैंकों के पास किसी आर्थिक संकट के दौरान छोटी अवधि की ज‍िम्‍मेदार‍ियों को पूरा करने के लिए पर्याप्त ल‍िक्‍व‍िड‍ एसेट यानी पैसा हो.

हालांकि, रिजर्व बैंक ने इन दिशा-निर्देशों पर सुझाव मांगे हैं. नए एलसीआर न‍ियमों को 1 अप्रैल, 2025 से लागू क‍िया जाएगा. इससे पहले र‍िजर्व बैंक ने प‍िछले कुछ समय से बैंकों में कम आ रहे डिपॉजिट पर भी चिंता जाहिर की थी.

दरअसल एक र‍िपोर्ट में यह बात सामने आई थी क‍ि लोग बैंकों की योजनाओं में पैसा जमा कराने के बजाय शेयर बाजार (share market) या अन्य जगहों पर पैसा लगा रहे हैं.

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