7th Pay Commission: अप्रैल से बदल जाएगी पेंशन की गिनती, 23 लाख कर्मचारियों को मिलेगा बंपर फायदा!

केंद्र सरकार ने 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत अपने कर्मचारियों के लिए एक अहम कदम उठाया है। हाल ही में सरकार ने एकीकृत पेंशन योजना (Unified Pension Scheme - UPS) को हरी झंडी दिखाई है, जिसका मकसद रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को आर्थिक मजबूती देना है। यह योजना अप्रैल 2025 से शुरू होगी और इससे 23 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा पहुंचेगा। जो लोग लंबे समय से सरकारी नौकरी में हैं और अपने भविष्य को लेकर चिंतित थे, उनके लिए यह एक सुनहरा मौका है।
यह योजना खास तौर पर उन लोगों के लिए बनाई गई है जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (National Pension System - NPS) का हिस्सा हैं। पहले NPS के तहत पेंशन राशि को लेकर कर्मचारियों में असंतोष था, क्योंकि उनकी आय बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करती थी। लेकिन अब सरकार ने UPS के जरिए इस चिंता को दूर कर दिया है। यह योजना न सिर्फ कर्मचारियों को बल्कि उनके परिवारों को भी आर्थिक सुरक्षा देने का वादा करती है।
एकीकृत पेंशन योजना क्या है?
7वें वेतन आयोग की यह नई पहल उन कर्मचारियों के लिए वरदान साबित होगी, जिन्होंने अपनी जिंदगी का बड़ा हिस्सा सरकारी सेवा में लगाया। योजना के तहत रिटायरमेंट से पहले के आखिरी 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। हालांकि, यह सुविधा सिर्फ उन लोगों को मिलेगी, जिन्होंने कम से कम 25 साल तक नौकरी की हो। सरकार का यह फैसला न केवल कर्मचारियों के बुढ़ापे को सुरक्षित बनाएगा, बल्कि उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का मौका भी देगा।
सरकार का योगदान बढ़ा, कर्मचारियों को राहत
इस योजना के तहत सरकार ने NPS में अपने योगदान को 14% से बढ़ाकर 18.5% कर दिया है। यह कदम दिखाता है कि सरकार अपने कर्मचारियों के भविष्य को लेकर कितनी गंभीर है। हालांकि, कर्मचारियों को अपने हिस्से में कोई बदलाव नहीं करना होगा। यह सरकार की ओर से एक बड़ा आर्थिक सहारा है, जो रिटायरमेंट के बाद उनकी जिंदगी को आसान बनाएगा।
परिवार की सुरक्षा भी सुनिश्चित
क्या होगा अगर किसी कर्मचारी की नौकरी के दौरान अचानक मृत्यु हो जाए? सरकार ने इस सवाल का जवाब भी दे दिया है। ऐसी स्थिति में कर्मचारी के परिवार को उनकी पेंशन का 60% हिस्सा मिलेगा। यह प्रावधान कर्मचारी के साथ-साथ उनके परिवार की आर्थिक जरूरतों को भी पूरा करेगा।
10 साल की नौकरी वालों को भी फायदा
अगर कोई कर्मचारी 25 साल तक सेवा नहीं कर पाया, तो भी उसे चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार ने तय किया है कि 10 साल की नौकरी करने वाले कर्मचारियों को भी हर महीने 10,000 रुपये की पेंशन मिलेगी। यह उन लोगों के लिए बड़ी राहत है, जो किसी वजह से लंबी सेवा पूरी नहीं कर सके।
UPS के नियम और शर्तें
एकीकृत पेंशन योजना एक वैकल्पिक स्कीम है, जिसे NPS के तहत आने वाले कर्मचारी चुन सकते हैं। लेकिन एक बार इसे चुनने के बाद वापसी का रास्ता नहीं होगा। कर्मचारियों को तय समय में आवेदन करना होगा। अगर कोई बकाया राशि है, तो उसे PPF दरों पर ब्याज के साथ चुकाया जाएगा। यह योजना 23 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ देगी और अगर राज्य सरकारें इसे अपनाती हैं, तो यह संख्या 90 लाख तक जा सकती है।
वित्त मंत्रालय का नजरिया
वित्त मंत्रालय का कहना है कि यह योजना 7वें वेतन आयोग के सबसे बड़े सुधारों में से एक है। इसका लक्ष्य कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक तंगी से बचाना है। यह योजना NPS के ढांचे में ही लागू होगी, लेकिन इसमें ज्यादा लचीलापन और सुरक्षा होगी।
NPS से बेहतर क्यों है UPS?
कई कर्मचारी सोच रहे होंगे कि UPS, NPS से कैसे अलग है। दरअसल, NPS में पेंशन की राशि शेयर बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करती है, जिससे अनिश्चितता रहती है। वहीं, UPS एक निश्चित और भरोसेमंद योजना है, जो हर हाल में 50% पेंशन की गारंटी देती है। यही वजह है कि इसे ज्यादा सुरक्षित माना जा रहा है।