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भारत में अब बिना ड्राइवर के दौड़ेंगी सड़कों पर कारें, खुद सोचेंगी, खुद चलेंगी

मर्सिडीज-बेंज ने स्मार्ट कारों के लिए हेसाई के LiDAR टेक्नोलॉजी को चुना। कम लागत और बड़े पैमाने पर उत्पादन के चलते यह फैसला लिया गया। LiDAR से ऑटोनॉमस ड्राइविंग, सुरक्षा और सटीक नेविगेशन बेहतर होगा। ट्रेड वॉर के बावजूद यह कदम ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में क्रांति ला सकता है।
भारत में अब बिना ड्राइवर के दौड़ेंगी सड़कों पर कारें, खुद सोचेंगी, खुद चलेंगी

मर्सिडीज-बेंज (Mercedes-Benz) अपनी स्मार्ट कारों को अगले स्तर पर ले जाने के लिए अब चीन की हेसाई (Hesai) कंपनी के LiDAR सेंसर का उपयोग करेगी। भले ही अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव (trade tension) बढ़ता जा रहा हो, मर्सिडीज ने फिर भी हेसाई को चुना। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है कम लागत और बड़े पैमाने पर उत्पादन की क्षमता। लेकिन सवाल यह है कि मर्सिडीज ने हेसाई को ही क्यों पसंद किया? LiDAR टेक्नोलॉजी क्या है और यह ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को कैसे बदल सकती है? आइए, इसे आसान भाषा में समझते हैं।

LiDAR टेक्नोलॉजी: क्या है और क्यों है खास?

LiDAR यानी लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (Light Detection and Ranging) एक ऐसी तकनीक है जो लेजर किरणों की मदद से आसपास के माहौल का 3D नक्शा बनाती है। यह स्मार्ट और ऑटोनॉमस कारों (autonomous cars) के लिए बेहद जरूरी है। यह तकनीक गाड़ी को सड़क पर आने वाली हर चीज को समझने, ट्रैफिक का विश्लेषण करने और सुरक्षित तरीके से चलने में मदद करती है। हमारे अनुभव के आधार पर कहें तो यह तकनीक सड़क हादसों को कम करने में भी अहम भूमिका निभा सकती है।

मर्सिडीज की स्मार्ट कारों में LiDAR के फायदे

मर्सिडीज अपनी कारों को और स्मार्ट बनाने के लिए LiDAR का इस्तेमाल कर रही है। इससे ऑटोनॉमस ड्राइविंग (autonomous driving) में सुधार, सटीक नेविगेशन, रुकावटों को पहचानने की क्षमता (obstacle detection), रियल-टाइम डेटा और बढ़ी हुई सुरक्षा जैसे फायदे मिलेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक भविष्य की गाड़ियों को और भरोसेमंद बनाएगी।

हेसाई क्यों बना मर्सिडीज की पसंद?

चीन की हेसाई कंपनी LiDAR सेंसर बनाने में अग्रणी है और हर साल 20 लाख से ज्यादा यूनिट्स बनाने की क्षमता रखती है। मर्सिडीज ने इसे चुनने की कई वजहें बताई हैं:

  1. कम कीमत: हेसाई का LiDAR सेंसर सिर्फ $200 (लगभग ₹16,000) में मिलता है, जो कार के बेसिक सेफ्टी फीचर्स से भी सस्ता है।
  2. बड़ा उत्पादन: हेसाई के पास चीन में दो बड़े प्लांट हैं और 2025 तक विदेशों में भी उत्पादन शुरू करने की तैयारी है।
  3. बढ़ती मांग: ऑटोमोटिव कंपनियां अब सस्ते और असरदार LiDAR सिस्टम चाहती हैं, जिससे हेसाई की लोकप्रियता बढ़ रही है।
  4. यूरोप से कनेक्शन: कई यूरोपीय ब्रांड पहले से हेसाई के सेंसर इस्तेमाल कर रहे हैं।

हमारी राय में, मर्सिडीज का यह फैसला लागत और गुणवत्ता के सही संतुलन को दर्शाता है।

अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर का क्या असर?

अमेरिका ने चीनी तकनीक पर कई पाबंदियां (restrictions) लगा रखी हैं, खासकर ऑटोमोबाइल से जुड़े पार्ट्स और सॉफ्टवेयर पर। फिर भी, जर्मनी की मर्सिडीज-बेंज इस ट्रेड वॉर से परे सोच रही है। जर्मनी की अर्थव्यवस्था पहले से दबाव में है, ऐसे में सस्ती और बेहतर तकनीक उनकी प्राथमिकता है। यह कदम ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में नई क्रांति ला सकता है।

मर्सिडीज और हेसाई की जोड़ी से क्या बदलेगा?

इस साझेदारी से स्मार्ट और ऑटोनॉमस कारों का चलन तेज होगा। सस्ते LiDAR सेंसर की वजह से मिड-रेंज कारों में भी यह तकनीक पहुंचेगी। हेसाई जैसी चीनी कंपनियां ग्लोबल मार्केट में अपनी धाक जमाएंगी, वहीं अमेरिकी कंपनियों को कड़ी टक्कर मिलेगी। हमारा मानना है कि यह बदलाव ऑटोमोटिव इंडस्ट्री के भविष्य को नया आकार देगा।

क्या आपकी अगली कार स्मार्ट होगी?

मर्सिडीज-बेंज का यह कदम स्मार्ट कारों को किफायती और सुरक्षित बनाएगा। अगर आप भविष्य में स्मार्ट या सेमी-ऑटोनॉमस कार खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो LiDAR टेक्नोलॉजी को समझना आपके लिए फायदेमंद होगा। यह तकनीक न सिर्फ ड्राइविंग को आसान बनाएगी, बल्कि सड़क पर आपकी सुरक्षा को भी बढ़ाएगी।

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