क्रेटा, सेल्टोस और ग्रैंड विटारा को मिलेगी चुनौती! Ford ला रही है अपनी सस्ती SUV
हाल ही में एक नई दिलचस्प बात सामने आई है। जी हां, क्योंकि कंपनी ने हाल ही में एक छोटी एसयूवी के लिए पेटेंट फाइल किया है। हालांकि, अमेरिका स्थित कार निर्माता ने अब तक भारत वापसी की किसी योजना की पुष्टि नहीं की है। रिपोर्ट्स की मानें तो आने वाले महीनों में फोर्ड की वापसी को लेकर सकारात्मक खबरें आ सकती हैं। आइए जरा विस्तार से इसकी डिटेल्स जानते हैं।
जिन मॉडलों से ज्यादा उम्मीद है, उनमें एंडेवर एसयूवी भी शामिल है। हालांकि, फोर्ड अपनी बाजार उपस्थिति को बढ़ाने के लिए एक नई कॉम्पैक्ट एसयूवी पर भी भरोसा कर सकती है। भारत में पहले दायर की गई पेटेंट इमेज ने नई कार के डिजाइन की एक झलक प्रदान की है, जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि ऑटोमेकर तमिलनाडु में अपने चेन्नई प्लांट को बेचने की योजना को रद्द करने के बाद भारत में अपनी वापसी के लिए कमर कस रहा है।
जिन मॉडलों से ज्यादा उम्मीद है, उनमें एंडेवर एसयूवी भी शामिल है। हालांकि, फोर्ड अपनी बाजार उपस्थिति को बढ़ाने के लिए एक नई कॉम्पैक्ट एसयूवी पर भी भरोसा कर सकती है। भारत में पहले दायर की गई पेटेंट इमेज ने नई कार के डिजाइन की एक झलक प्रदान की है, जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि ऑटोमेकर तमिलनाडु में अपने चेन्नई प्लांट को बेचने की योजना को रद्द करने के बाद भारत में अपनी वापसी के लिए कमर कस रहा है।
जिन मॉडलों से ज्यादा उम्मीद है, उनमें एंडेवर एसयूवी भी शामिल है। हालांकि, फोर्ड अपनी बाजार उपस्थिति को बढ़ाने के लिए एक नई कॉम्पैक्ट एसयूवी पर भी भरोसा कर सकती है। भारत में पहले दायर की गई पेटेंट इमेज ने नई कार के डिजाइन की एक झलक प्रदान की है, जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि ऑटोमेकर तमिलनाडु में अपने चेन्नई प्लांट को बेचने की योजना को रद्द करने के बाद भारत में अपनी वापसी के लिए कमर कस रहा है।
1.5-लीटर टर्बोचार्ज्ड 4-सिलेंडर इंजन
न्यू सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी फोर्ड के VX-772 प्लेटफॉर्म पर बेस्ड होगी, जिसमें महिंद्रा का 1.5-लीटर टर्बोचार्ज्ड चार-सिलेंडर इंजन होगा। हालांकि, कंपनी डीजल पावरट्रेन ऑप्शन पर भी विचार कर सकती है।
फोर्ड 2021 में भारतीय बाजार से बाहर
फोर्ड खराब बिक्री के कारण 2021 में भारतीय बाजार से बाहर हो गई थी, जिसके परिणामस्वरूप 2 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। 2022 में बाहर निकलने की प्रक्रिया पूरी हुई। यह कदम देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण झटका था। शेवरले और डैटसन जैसे कई अन्य ऑटो ओईएम ने भी भारत में अपना ऑपरेशन और सर्विस बंद कर दिया।