भारत में शुरू हुआ Hyundai NEXO का ट्रायल, जानिए कब से सड़कों पर दौड़ेगी ये हाइड्रोजन कार

Hyundai NEXO भारत की पहली हाइड्रोजन कार, का परीक्षण शुरू। इंडियन ऑयल के साथ साझेदारी में 40,000 किमी का टेस्ट। जीरो उत्सर्जन, 666 किमी रेंज, 5 मिनट में फ्यूल। ग्रीन हाइड्रोजन और स्मार्ट मोबिलिटी के भविष्य की शुरुआत। पर्यावरण के अनुकूल और आधुनिक तकनीक से लैस।
भारत में शुरू हुआ Hyundai NEXO का ट्रायल, जानिए कब से सड़कों पर दौड़ेगी ये हाइड्रोजन कार

Hyundai NEXO : भारत की सड़कों पर जल्द ही एक नया बदलाव देखने को मिल सकता है, क्योंकि हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) ने देश में अपनी पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल कार, हुंडई नेक्सो (NEXO) का परीक्षण शुरू कर दिया है।

यह कदम न केवल पर्यावरण के अनुकूल परिवहन की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है, बल्कि भारत को वैश्विक ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में भी एक बड़ा प्रयास है। आइए, इस खबर को और करीब से समझते हैं कि कैसे हुंडई भारत में हाइड्रोजन आधारित भविष्य की नींव रख रही है।

हाइड्रोजन कार 

हुंडई नेक्सो एक हाइड्रोजन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल (FCEV) है, जो जीरो-उत्सर्जन और अत्याधुनिक तकनीक का शानदार मेल है। यह गाड़ी 95 kW हाइड्रोजन फ्यूल सेल सिस्टम और 40 kW बैटरी के साथ आती है, जो 183 हॉर्सपावर और 395 Nm का टॉर्क जनरेट करती है।

इसकी खासियत यह है कि यह केवल 9.2 सेकंड में 0 से 100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ सकती है और एक बार फ्यूल टैंक भरने पर 666 किलोमीटर तक की रेंज देती है। सबसे खास बात, इसका टैंक सिर्फ 5 मिनट में भर जाता है, जो इसे इलेक्ट्रिक वाहनों की तुलना में तेज और सुविधाजनक बनाता है।

नेक्सो का डिज़ाइन भी उतना ही प्रभावशाली है। इसका एयरोडायनामिक लुक, विशाल केबिन, और आधुनिक तकनीक इसे एक प्रीमियम SUV बनाते हैं। इसमें दो 12.3-इंच डिस्प्ले, डिजिटल रियरव्यू मिरर, हेड-अप डिस्प्ले, और 14-स्पीकर बैंग एंड ओल्फसेन साउंड सिस्टम जैसी सुविधाएं हैं। साथ ही, इसमें एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) भी है, जो ड्राइविंग को सुरक्षित और आरामदायक बनाता है।

इंडियन ऑयल के साथ ऐतिहासिक साझेदारी

हुंडई ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए भारत की सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनी, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी के तहत, हुंडई ने एक नेक्सो यूनिट इंडियन ऑयल को सौंपी है, जिसका अगले दो साल तक भारत की सड़कों पर कठिन परीक्षण किया जाएगा। इस दौरान यह गाड़ी करीब 40,000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी, ताकि भारतीय परिस्थितियों में इसकी विश्वसनीयता, दक्षता और दीर्घकालिक प्रदर्शन का आकलन किया जा सके।

यह साझेदारी न केवल तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देगी, बल्कि हाइड्रोजन को एक किफायती और टिकाऊ ऊर्जा स्रोत के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगी। हुंडई के मैनेजिंग डायरेक्टर, अनसू किम ने इस मौके पर कहा, “हमारा विज़न भारत में स्मार्ट और सस्टेनेबल मोबिलिटी को बढ़ावा देना है। इंडियन ऑयल के साथ मिलकर हम ग्रीन हाइड्रोजन की संभावनाओं को अनलॉक弄ीং स्मार्ट मोबिलिटी सॉल्यूशंस के लिए तैयार हैं।”

भारत में हाइड्रोजन कारों का भविष्य

भारत में वैकल्पिक ईंधन की दिशा में कई कंपनियां काम कर रही हैं, और हाइड्रोजन उनमें से एक प्रमुख विकल्प है। हुंडई का यह कदम भारत को ग्रीन एनर्जी की दौड़ में आगे ले जा सकता है। अगर नेक्सो का परीक्षण सफल रहा, तो यह भारत में हाइड्रोजन आधारित वाहनों के लिए एक नया बाजार खोल सकता है। साथ ही, यह भारत के कार्बन उत्सर्जन को कम करने और स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

हुंडई नेक्सो का यह परीक्षण न केवल ऑटोमोटिव उद्योग के लिए, बल्कि भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए भी एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह गाड़ी न सिर्फ पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह भारतीय ग्राहकों को एक नया, आधुनिक और सुविधाजनक ड्राइविंग अनुभव भी प्रदान कर सकती है।

एक हरित भविष्य की ओर

हुंडई नेक्सो का भारत में आगमन एक संदेश है कि भविष्य यहाँ है। यह गाड़ी न केवल तकनीक और डिज़ाइन का बेहतरीन नमूना है, बल्कि यह पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी दर्शाती है। जैसे-जैसे यह परीक्षण आगे बढ़ेगा, सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि क्या भारत हाइड्रोजन आधारित वाहनों का अगला बड़ा बाजार बन सकता है। हुंडई और इंडियन ऑयल की यह साझेदारी निश्चित रूप से एक नई शुरुआत है, जो भारत को स्मार्ट और सस्टेनेबल मोबिलिटी के क्षेत्र में विश्व स्तर पर ले जा सकती है।

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