इतनी तगड़ी है इस कंपनी की कार्स की डिमांड, आर्डर ही नहीं कर पा रही पूरा

टोयोटा मोटर (Toyota Motor) अपने वाहनों की बढ़ती मांग और लंबे वेटिंग पीरियड के बीच भारत में अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने की योजना बना रही है। जापानी ऑटो दिग्गज ने कर्नाटक के बिदादी में स्थित दो प्लांट को पूरी क्षमता से चलाने के साथ मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ाना शुरू कर दिया है।
टोयोटा ने टोक्यो में चल रहे जापान ऑटो शो के दौरान घोषणा करते हुए कहा कि भारत में कोविड महामारी के बाद उसकी कारों की डिमांड खासकर हाई-एंड कैटेगिरी में उछाल देखा गया है।
3.42 लाख यूनिट प्रति वर्ष उत्पादन
टोयोटा मोटर कॉरपोरेशन के कार्यकारी उपाध्यक्ष और बोर्ड सदस्य योइची मियाज़ाकी ने कहा कि कंपनी भारत में फुल प्लांट क्षमता उपयोग तक पहुंच रही है। टोयोटा, जो भारत में बेंगलुरु स्थित किर्लोस्कर समूह के साथ संयुक्त रूप से काम करती है, वो कर्नाटक में अपने दो प्लांट का यूज करती है। दोनों प्लांट की कुल उत्पादन क्षमता 3.42 लाख यूनिट प्रति वर्ष है।
भारत में तीसरे प्लांट की योजना
मियाजाकी ने कहा कि हमने चर्चा शुरू कर दी है। कोविड के बाद अन्य देशों की तुलना में (भारत में) बाजार में सुधार बहुत मजबूत है। इसलिए हमारा मानना है कि भारत में डिमांड ही बहुत मजबूत है। टोयोटा अपने मॉडलों पर बढ़ती मांग और लंबे वेटिंग पीरियड को खत्म करने के लिए भारत में तीसरी प्लांट की भी योजना बना रही है।
मियाजाकी ने कहा कि भारत में बड़ी कारों की डिमांड को जापानी ऑटो दिग्गज द्वारा एक अच्छे संकेत के रूप में देखा जाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार में हाई सेगमेंट की ताकत बढ़ने के साथ यह हमें बताता है कि अब टोयोटा का समय है।
कर्नाटक प्लांट में बनते हैं 8 मॉडल
टोयोटा भारत में फॉर्च्यूनर और फॉर्च्यूनर लेजेंडर एसयूवी, इनोवा क्रिस्टा, इनोवा हाईक्रॉस और रुमियन एमपीवी, अर्बन क्रूजर हायराइडर एसयूवी, कैमरी हाइब्रिड सेडान, हिलक्स पिकअप ट्रक और ग्लैंजा हैचबैक बेचती है। सभी 8 मॉडल कर्नाटक में इसके प्लांट में निर्मित होते हैं।
प्लांट का एक हिस्सा ग्रैंड विटारा एसयूवी जैसे अपने भारतीय पार्टनरशिप मारुति सुजुकी के साथ संयुक्त रूप से विकसित वाहनों के निर्माण के लिए भी उपयोग किया जाता है।
90 करोड़ से अधिक का निवेश
टोयोटा ने हाल ही में उत्पादन क्षमता को लगभग 30 प्रतिशत बढ़ाने के लिए अपनी बिदादी प्लांट में तीसरी शिफ्ट शुरू की थी। इसने बुनियादी ढांचे को एडवांस करने के लिए ₹90 करोड़ से अधिक का निवेश किया और अपनी कारों की वेटिंग पीरियड को कम करने में मदद के लिए 1,500 अतिरिक्त कर्मचारियों को नियुक्त किया।
टोयोटा ने इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच अपनी बिक्री में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी है और लगभग 1.24 लाख वाहन बेचे हैं।