बड़ी उम्मीदों के साथ आई थी ये SUV, लेकिन सिर्फ 37 लोगों ने खरीदी - मार्केट में हुई बुरी तरह फेल

सिट्रोएन बेसाल्ट कूपे (Citroen Basalt Coupe) एक शानदार C1-सेगमेंट की SUV है, जिसे स्टाइल और प्रीमियम लुक के साथ भारतीय बाजार में पेश किया गया था। लेकिन फरवरी 2025 में इसकी बिक्री में भारी गिरावट देखने को मिली। इस महीने केवल 37 यूनिट्स ही बिकीं, जो जनवरी 2025 की 61 यूनिट्स की तुलना में 39.34% कम है।
यह आंकड़ा सिट्रोएन के लिए चिंताजनक हो सकता है, क्योंकि कंपनी ने इसे महिंद्रा और टाटा कर्व जैसी दिग्गज कूपे SUVs को टक्कर देने के लिए लॉन्च किया था। आइए, इसकी बिक्री के आंकड़ों को थोड़ा करीब से समझते हैं।
पिछले कुछ महीनों में सिट्रोएन बेसाल्ट कूपे (Basalt Coupe) की सेल्स लगातार कम होती जा रही है। सितंबर 2024 में जहां इसकी 341 यूनिट्स बिकी थीं, वहीं फरवरी 2025 में यह आंकड़ा घटकर 37 पर आ गया। पिछले छह महीनों की बात करें तो अक्टूबर में 221, नवंबर में 47, दिसंबर में 79 और जनवरी में 61 यूनिट्स की बिक्री हुई।
यह साफ दिखाता है कि इस SUV की मांग में लगातार कमी आ रही है। दूसरी ओर, टाटा कर्व (Tata Curvv) ने बाजार में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखी है। सितंबर 2024 में टाटा कर्व की 4,763 यूनिट्स बिकीं, अक्टूबर में 5,351, नवंबर में 5,101, दिसंबर में 4,994, जनवरी 2025 में 3,087 और फरवरी में 3,483 यूनिट्स की सेल्स दर्ज की गई। टाटा की यह SUV हर महीने हजारों की संख्या में बिक रही है, जबकि बेसाल्ट कूपे दोहरे अंकों तक सिमट गई है।
इस गिरावट की वजह क्या हो सकती है? भारतीय बाजार में सिट्रोएन (Citroen) का ब्रांड अभी उतना जाना-पहचाना नहीं है, जिससे ग्राहकों का भरोसा जीतना मुश्किल हो रहा है। साथ ही, मारुति, हुंडई और टाटा जैसी कंपनियों की SUVs से कड़ा मुकाबला है। कीमत और फीचर्स का संतुलन भी एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि भारतीय ग्राहक कम कीमत में ज्यादा सुविधाओं की उम्मीद करते हैं, और शायद बेसाल्ट कूपे इस मामले में पीछे छूट रही है। इसके अलावा, सिट्रोएन का डीलर और सर्विस नेटवर्क अभी भी सीमित है, जिससे ग्राहकों तक इसकी पहुंच कम हो रही है।
आगे क्या हो सकता है? अगर सिट्रोएन बेसाल्ट कूपे की बिक्री को बढ़ाना है, तो कंपनी को नई रणनीतियों पर काम करना होगा। सस्ती कीमतों पर आकर्षक फीचर्स, फाइनेंस ऑफर और डिस्काउंट जैसे कदम उठाने होंगे। इसके साथ ही मार्केटिंग पर जोर देकर ब्रांड की पहचान को मजबूत करना जरूरी है। अगर ये कदम सही दिशा में उठाए गए, तो आने वाले महीनों में इस स्टाइलिश SUV की किस्मत बदल सकती है।