PMAY: अब और आसान हुआ अपना घर बनाना, जानिए नए बदलाव

प्रस्ताव के मुताबिक महानगरों और गैर महानगरों को कवर करते हुए 35 लाख रुपये तक की लागत वाले घरों के लिए 30 लाख रुपये तक का होम लोन सब्सिडी के साथ में लिया जा सकता है। 
PMAY: अब और आसान हुआ अपना घर बनाना, जानिए नए बदलाव
न्यूज डेस्क, दून हॉराइज़न, नई दिल्ली

PMAY Scheme : सरकार के द्वारा गरीबों के लिए पीएम आवास स्कीम को शुरु किया गया है। इस स्कीम के तहत आवास लोन सब्सिडी के दायारे को और साइज को बढ़ाने पर काम किया जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक इस स्कीम में सैलरी कम करने वाले ब्लू कॉल वर्कर्स के अलावा शहरों में खुद का रोजगार संभाल  रहे लोगों, दुकानदारों, ट्रेडर्स और प्रोफेशनल समेत काफी लोगों को शामिल करने का प्रस्ताव है।

आपको बता दें इस बीच में सिर्फ उधार लेने वालों की इनकम के आधार के बजाय सब्सिडी वाले लोन्स को कीमत और घरों के साइज के आधार पर तय किया जा सकता है।

इसके चलते नई स्कीम के तहत सब्सिडी वाले होम लोन का टिकट साइज भी काफी ज्यादा होने की संभावना है।

होम लोन का क्या है साइज

प्रस्ताव के मुताबिक महानगरों और गैर महानगरों को कवर करते हुए 35 लाख रुपये तक की लागत वाले घरों के लिए 30 लाख रुपये तक का होम लोन सब्सिडी के साथ में लिया जा सकता है। सरकार का अनुमान हैं कि नई स्कीम के तहत सब्सिडी वाले होम लोन का औसत साइज 25 लाख रुपये का होगा।

इन होम लोन्स पर ब्याज सब्सिडी करीब 4 फीसदी होने की संभावना है। इसके साथ में ही होम रजिस्ट्रियों पर स्टाम्प शुल्क में कुछ बदलावों से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, इससे सेल्फ एंम्प्लॉयड और छोटे बिजनेसमैन को नई स्कीम के दायरे में लाने में मदद मिलेगी। पीएम मोदी ने बीते साल 15 अगस्त में कहा था कि हम आने वाले सालों में एक नई स्कीम लेकर आ रहे हैं।

इससे उन परिवारों को लाभ होगा, जो कि शहरों में किराए के घरों में झुग्गियों में, चालों में रह रहे हैं और वह अपना घर बनावना चाह रहे हैं तो हम उनको ब्याज दरों में राहत और बैंकों से लोन में सहायता करेंगे। इससे उनको लाखों बचाने में सहायता मिलेगी।

1 करोड़ रुपये में खरीदा घर

सरकार बहराल क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम के तहत शहरों में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए होम लोन सब्सिडी दे रहा था। इसमें 18 लाख रुपये तक की एनुअल इनकम वाले उधारकर्ताओं को 12 लाख रुपये तक का लोन प्रदान किया जाता था। लोन पर ब्याज सब्सिडी 3 फीसदी से 6.5 फीसदी तक थी।

CLSS के तहत 5 सालों में, बैंकों और एचएफसी ने 25 लाख लॉ और मिडिल इनकम वाले घरों को फाइनेंस किया है। इससे सरकार को सब्सिडी में 59 हजार रुपये का खर्च आया है।

सूत्रों के मुताबिक सरकार अब शहरी और गरीबों के लिए नई ब्याज सब्सिडी स्कीम के तहत 1 करोड़ घरों की खरीद के निर्माण पर सब्सिडी देने का लक्ष्य तय कर सकती है।

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