NPS में बड़ा बदलाव! कर्मचारियों को मिलेगा OPS जैसा लाभ

सरकार NPS में गारंटीड रिटर्न दे सकती है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को उनकी आखिरी सैलरी का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर देने का वादा किया जा सकता है।
NPS में बड़ा बदलाव! कर्मचारियों को मिलेगा OPS जैसा लाभ

NPS Scheme : विपक्ष लंबे समय से पुरानी पेंशन स्कीम का समर्थन कर रहा है। कई राज्यों में विपक्षी सरकारों ने पुरानी पेंशन स्कीम को वापस लाने का वादा भी किया है। मोदी सरकार इसके पक्ष में नहीं दिख रही है।

लेकिन कर्मचारियों को ज्यादा पेंशन देने के लिए नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में बदलाव की तैयारी लंबे समय से चल रही है। अब उम्मीद है कि सरकार 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट में इससे जुड़ा कोई बड़ा ऐलान कर सकती है।

सरकार NPS में गारंटीड रिटर्न दे सकती है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को उनकी आखिरी सैलरी का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर देने का वादा किया जा सकता है।

मौजूदा स्कीम में भी 25-30 साल तक निवेश करने वाले कर्मचारियों को अच्छा रिटर्न मिल रहा है। खास तौर पर उन कर्मचारियों को जिनकी भर्ती 2004 के बाद हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, सोमनाथन कमेटी ने पेंशन के अंतरराष्ट्रीय ट्रेंड के साथ-साथ आंध्र प्रदेश सरकार की पेंशन पॉलिसी का भी अध्ययन किया है।

इस समिति ने गारंटीड रिटर्न के प्रभाव का आकलन किया है। पिछले साल सोमनाथन समिति का गठन किया गया था। सरकार लंबे समय से एनपीएस को आकर्षक बनाने के लिए कदम उठा रही है।

सरकार इस बात पर गंभीरता से विचार कर रही है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिले।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणा के बाद वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में वर्ष 2023 में एक समिति का गठन किया गया। इस समिति का काम पुरानी पेंशन योजना को वापस लाए बिना एनपीएस के तहत पेंशन लाभ में सुधार के तरीके खोजना है।

इस समिति का गठन पिछले साल कांग्रेस द्वारा कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना की वापसी की घोषणा के बाद किया गया था। उस समय केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को वापस करने से इनकार कर दिया था।

ओपीएस और एनपीएस में अंतर पुरानी पेंशन योजना में सरकारी कर्मचारियों को वेतन आयोग की सिफारिशों के साथ समायोजित उनके अंतिम वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती है।

पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारियों को पेंशन के लिए कोई अंशदान नहीं करना पड़ता है। जबकि राष्ट्रीय पेंशन योजना अंशदान आधारित पेंशन योजना है।

इसमें कर्मचारी को अपने मूल वेतन का 10 प्रतिशत और सरकार को 14 प्रतिशत योगदान देना होता है। इस राशि को विभिन्न निवेश विकल्पों में निवेश किया जाता है और कर्मचारी को इससे पेंशन मिलती है।

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