EMI में बड़ी राहत! 6 जून को आम आदमी को मिल सकती है खुशखबरी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की 4 से 6 जून 2025 तक होने वाली बैठक में रेपो रेट में 0.25% की कटौती की उम्मीद है, जिससे होम लोन और कार लोन की EMI सस्ती हो सकती है। देश में महंगाई दर 4% से नीचे बनी हुई है, जो RBI के लक्ष्य के अनुरूप है। 
EMI में बड़ी राहत! 6 जून को आम आदमी को मिल सकती है खुशखबरी

देश के लाखों लोगों के लिए एक अच्छी खबर आने वाली है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 4 से 6 जून 2025 तक होने जा रही है, जिसमें रेपो रेट में कमी का फैसला लिया जा सकता है। इससे होम लोन, कार लोन और अन्य रिटेल लोन की मासिक किस्त (EMI) में राहत मिलने की उम्मीद है।

बीते छह महीनों में RBI ने दो बार रेपो रेट में कटौती की है, और अब तीसरी बार फिर से ब्याज दरों में कमी की संभावना बन रही है। आइए जानते हैं कि यह फैसला आम आदमी और अर्थव्यवस्था के लिए क्यों महत्वपूर्ण है।

RBI की मौद्रिक नीति समिति हर दो महीने में मुलाकात करती है, जिसमें देश की महंगाई और आर्थिक स्थिति का जायजा लिया जाता है। इस बार भी 6 जून को होने वाली बैठक में रेपो रेट में 0.25% की कटौती की उम्मीद जताई जा रही है।

इसका कारण है देश में रिटेल महंगाई दर का 4% से नीचे रहना, जो RBI के लक्ष्य के अनुरूप है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कटौती अर्थव्यवस्था को गति देने और घरेलू मांग को बढ़ाने में मदद करेगी। खासकर तब, जब वैश्विक स्तर पर अमेरिका द्वारा शुरू किए गए टैरिफ युद्ध ने भारत जैसे निर्यात-आधारित देशों के लिए चुनौतियां बढ़ा दी हैं।

पिछले छह महीनों में RBI ने फरवरी और अप्रैल में रेपो रेट में 0.25% की दो बार कटौती की थी, जिसके बाद यह दर 6% पर आ गई। अब अगर तीसरी बार कटौती होती है, तो बैंकों के लिए पूंजी की लागत और कम होगी। इसका सीधा फायदा आम लोगों को मिलेगा, क्योंकि बैंक अपनी ब्याज दरों को रेपो रेट से जोड़ते हैं।

कम ब्याज दरों का मतलब है सस्ते लोन और कम EMI। इससे न केवल मध्यम वर्ग के लिए घर और गाड़ी खरीदना आसान होगा, बल्कि बाजार में नकदी प्रवाह बढ़ने से अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा की अगुवाई में MPC ने अप्रैल में अपनी नीति को और उदार बनाया था। विशेषज्ञों का मानना है कि यह उदार नीति अभी जारी रहेगी। बैंक ऑफ बड़ोदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस कहते हैं, “महंगाई के नियंत्रण में रहने और RBI के विभिन्न कदमों से नकदी की स्थिति बेहतर होने के कारण, 6 जून को रेपो रेट में कटौती लगभग तय है। यह कदम आर्थिक विकास और महंगाई को संतुलित करने में अहम भूमिका निभाएगा।”

इसी तरह, रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर का कहना है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई चालू वित्त वर्ष में 4% के आसपास रहने की उम्मीद है। ऐसे में RBI की नीति में ढील बरकरार रह सकती है, जो लोन लेने वालों के लिए राहत भरी खबर है।

यह कटौती न केवल व्यक्तिगत उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाएगी, बल्कि छोटे व्यवसायों और उद्योगों को भी सस्ती पूंजी उपलब्ध कराएगी, जिससे आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी।

अगर आप होम लोन या कार लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो यह आपके लिए सही समय हो सकता है। RBI का यह कदम न केवल आपकी EMI को कम करेगा, बल्कि आपके सपनों को हकीकत में बदलने में भी मदद करेगा। 6 जून को होने वाली इस बैठक पर सभी की नजरें टिकी हैं, क्योंकि यह फैसला न केवल आपकी जेब, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी अहम साबित हो सकता है।

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