8th Pay Commission का बड़ा अपडेट! सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में होगी ₹45,000 तक की जबरदस्त बढ़ोतरी

8th Pay Commission : लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की निगाहें 8वें वेतन आयोग पर टिकी हैं, जिसके लागू होने पर उनकी सैलरी और पेंशन में अच्छी-खासी बढ़ोतरी की उम्मीद है। जनवरी 2026 से वेतन में बदलाव की चर्चा जोरों पर है, लेकिन हालिया अपडेट्स ने कर्मचारियों के बीच असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है।
सरकार की ओर से अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि आखिर 8वां वेतन आयोग कब तक हकीकत बन पाएगा?
वेतन आयोग के गठन में देरी क्यों?
अभी तक 8वें वेतन आयोग की औपचारिक प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। जानकारों का कहना है कि अगर 2025 के अंत तक आयोग का गठन हो भी जाता है, तो इसकी सिफारिशें लागू होने में कम से कम डेढ़ से दो साल का समय लग सकता है। इसका मतलब है कि जनवरी 2026 से सैलरी बढ़ने की उम्मीदें फिलहाल धूमिल नजर आ रही हैं।
सरकार अभी आयोग के सदस्यों और उनकी जिम्मेदारियों को अंतिम रूप देने में जुटी है। पहले माना जा रहा था कि मई 2025 तक आयोग का गठन हो जाएगा, लेकिन जून बीतने के बाद भी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। इससे कर्मचारियों में बेचैनी बढ़ रही है, क्योंकि सैलरी बढ़ोतरी की राह और लंबी होती दिख रही है।
क्या मिलेगी बकाया सैलरी?
सरकारी प्रक्रियाओं की सुस्त रफ्तार को देखते हुए अनुमान है कि अगर आयोग 2025 के अंत तक बनता है, तो उसकी रिपोर्ट तैयार करने और सरकार को सौंपने में 18 से 24 महीने लग सकते हैं। यानी सिफारिशें लागू होने में 2027 तक का समय लग सकता है। लेकिन कर्मचारियों के लिए राहत की बात यह है कि अगर सैलरी बढ़ोतरी में देरी होती है, तो उन्हें बकाया राशि (arrears) जरूर मिलेगी।
सरकार का पुराना रिकॉर्ड देखें तो जब भी वेतन या भत्तों में बदलाव होता है, उसे पिछले महीनों से लागू किया जाता है। यानी अगर 8वां वेतन आयोग जनवरी 2026 से लागू नहीं होता, तो बाद में इसे उसी तारीख से लागू करके कर्मचारियों को बकाया सैलरी दी जा सकती है।
फिटमेंट फैक्टर का कितना असर?
सैलरी बढ़ोतरी में फिटमेंट फैक्टर की भूमिका सबसे अहम होती है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसके चलते कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गई थी। इस बार 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.5 से 2.86 के बीच रहने की संभावना जताई जा रही है।
अगर यह 2.7 के आसपास रहता है, तो केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 40,000 से 45,000 रुपये तक पहुंच सकती है। हालांकि, 2.86 जैसे हाई फिटमेंट फैक्टर को लागू करना सरकार के लिए महंगा पड़ सकता है, जिसके चलते इस पर अभी अनिश्चितता बनी हुई है।
कर्मचारियों को कितनी राहत?
भले ही 8वां वेतन आयोग देरी से लागू हो, कर्मचारियों और पेंशनर्स को इस बात का भरोसा है कि उनकी सैलरी में बढ़ोतरी जरूर होगी। बकाया सैलरी की संभावना भी उन्हें राहत दे रही है। लेकिन सरकार की सुस्त चाल और आर्थिक चुनौतियों को देखते हुए अभी यह कहना मुश्किल है कि नया वेतनमान कब तक लागू होगा।
कर्मचारी और पेंशनर्स उम्मीद भरी नजरों से अगले अपडेट का इंतजार कर रहे हैं, ताकि उनकी मेहनत का बेहतर फल मिल सके।