Dearness Allowance : DA/DR का बकाया मिलेगा या नहीं? जानिए सरकार का ताज़ा रुख

Dearness Allowance : देशभर के लाखों केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी बेसब्री से आठवें वेतन आयोग की खबर का इंतजार कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आयोग के गठन को हरी झंडी दे दी है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को वेतन व पेंशन में बढ़ोतरी की उम्मीद जगी है।
यह कदम न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि उनके जीवन स्तर को भी बेहतर बनाने में मदद करेगा। अनुमान है कि आठवां वेतन आयोग लागू होने के बाद 36 लाख से अधिक केंद्रीय असैन्य कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
पिछले अनुभव और नई उम्मीदें
पिछले सातवें वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उनके वेतन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दी थी। अब आठवें वेतन आयोग के साथ भी ऐसी ही उम्मीदें हैं। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि यह आयोग न केवल वेतन संरचना को बेहतर करेगा, बल्कि महंगाई के दौर में कर्मचारियों की आर्थिक जरूरतों को भी पूरा करेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच हो सकता है, जिससे मूल वेतन में 40 से 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी संभव है। उदाहरण के लिए, अगर फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो 46,600 रुपये का मूल वेतन 57,200 रुपये तक पहुंच सकता है।
कोविड काल के बकाया DA/DR की मांग
राष्ट्रीय परिषद-संयुक्त सलाहकार मशीनरी (जेसीएम) की स्थायी समिति की 63वीं बैठक 23 अप्रैल, 2025 को हुई, जिसमें कर्मचारी संगठनों ने कोविड-19 महामारी के दौरान रोके गए 18 महीने के महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) के बकाये को जारी करने की पुरजोर मांग उठाई।
कर्मचारी पक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा, साथ ही आठवें वेतन आयोग के गठन और इसके नियम व शर्तों (टीओआर) के आदेश का इंतजार करने की बात कही। हालांकि, सरकारी पक्ष ने बताया कि महामारी के दौरान हुए वित्तीय नुकसान और आर्थिक कल्याण उपायों के चलते बकाया DA/DR का भुगतान करना अभी संभव नहीं है।
आर्थिक राहत की उम्मीद
आठवां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक नई उम्मीद की किरण लेकर आ रहा है। अगर फिटमेंट फैक्टर अनुमान के मुताबिक रहा, तो कर्मचारियों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जो उनकी आर्थिक स्थिरता को और मजबूत करेगी। हालांकि, बकाया DA/DR के मुद्दे पर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है, लेकिन कर्मचारी संगठन इस मांग को लेकर अपनी आवाज बुलंद करते रहेंगे। सरकार और कर्मचारी संगठनों के बीच चल रही बातचीत से जल्द ही कोई ठोस नतीजा निकलने की उम्मीद है।