दिल्ली में 5% अमीर भी नहीं खरीद सकते घर! मुंबई में घर खरीदने के लिए चाहिए 109 साल की सेविंग

नेशनल हाउसिंग बोर्ड (NHB) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में शीर्ष 5 प्रतिशत अमीर लोगों को घर की कीमतें चुकाने के लिए 35 साल तक बचत करनी पड़ सकती है, जबकि मुंबई में यह अवधि 109 साल तक खिंच सकती है।
दिल्ली में 5% अमीर भी नहीं खरीद सकते घर! मुंबई में घर खरीदने के लिए चाहिए 109 साल की सेविंग

हर शहरी नौकरीपेशा व्यक्ति का सपना होता है कि काश उसका अपना घर हो, किराए का बोझ न ढोना पड़े। सोचने में लगता है कि किराए पर खर्च होने वाले पैसे बचाकर एक दिन अपना फ्लैट तो खरीद ही लेंगे। लेकिन हकीकत इतनी आसान नहीं। देश की राजधानी दिल्ली में भी, जो लोग समाज के सबसे अमीर 5 प्रतिशत हिस्से में आते हैं, उन्हें अपना घर खरीदने के लिए 35 साल तक पैसे जोड़ने पड़ सकते हैं।

दिल्ली में 35 साल की मेहनत

नेशनल हाउसिंग बोर्ड (NHB) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में शीर्ष 5 प्रतिशत अमीर लोगों को भी अपने सपनों का घर खरीदने के लिए 35 साल तक लगातार बचत करनी पड़ सकती है। यह अनुमान भारत की औसत बचत दर पर आधारित है, जो 2022-23 में जीडीपी के 30.2% थी। अलग-अलग शहरों में यह अवधि और भी बदलती है, क्योंकि हर शहर में रहन-सहन और खर्च का स्तर अलग है।

मुंबई में घर 

अगर दिल्ली की बात करें तो 35 साल की बचत अपने आप में एक लंबा समय है, लेकिन मुंबई की स्थिति और भी चिंताजनक है। NHB के आंकड़ों के अनुसार, मुंबई में शीर्ष 5 प्रतिशत अमीर परिवारों को 1,184 वर्ग फीट का घर खरीदने के लिए 109 साल तक बचत करनी पड़ सकती है। यानी, एक सामान्य इंसान के लिए मुंबई जैसे महानगर में अपने जीते-जी घर का मालिक बनना लगभग असंभव-सा लगता है।

इन आंकड़ों को समझने के लिए, शहरी परिवारों के मासिक खर्च (MPCE) का विश्लेषण किया गया। महाराष्ट्र में शीर्ष 5 प्रतिशत शहरी परिवारों का औसत मासिक खर्च प्रति व्यक्ति 22,352 रुपये है। चार लोगों के परिवार के लिए यह खर्च 89,408 रुपये प्रतिमाह, यानी सालाना करीब 10.7 लाख रुपये होता है। 30.2% बचत दर के हिसाब से, यह परिवार हर साल लगभग 3.2 लाख रुपये बचा सकता है।

मुंबई में घर की कीमतें आसमान पर

NHB के अनुसार, मार्च 2025 तक मुंबई में 645 से 1,184 वर्ग फीट के घर की औसत कीमत 29,911 रुपये प्रति वर्ग फीट थी। इस हिसाब से, 1,184 वर्ग फीट का घर खरीदने के लिए 3.5 करोड़ रुपये से ज्यादा की जरूरत पड़ती है। अगर एक शीर्ष 5% परिवार सालाना 3.2 लाख रुपये बचाता है, तो उसे यह घर खरीदने के लिए 109 साल तक इंतजार करना होगा।

यह आंकड़े न सिर्फ हैरान करने वाले हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि भारत के बड़े शहरों में घर खरीदना अब एक जटिल आर्थिक चुनौती बन चुका है।

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