आईटीआर में धोखाधड़ी? घर बैठे मिलेगा इनकम टैक्स का नोटिस, भरना पड़ेगा भारी जुर्माना!

आयकर के दायरे मे आने वाले व्‍यक्ति को सालाना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (Income tax return file) करना होता है। इस साल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। 
आईटीआर में धोखाधड़ी? घर बैठे मिलेगा इनकम टैक्स का नोटिस, भरना पड़ेगा भारी जुर्माना!
दून हॉराइज़न, नई दिल्ली

अगर किसी ने भी इस तारीख तक इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर फाइल नहीं किया तो फिर बाद में जुर्माने के साथ रिटर्न दाखिल (ITR filing Tips) करना होगा। आईटीआर भरते वक्‍त सही-सही जानकारी देनी चाहिए। रिफंड पाने को कोई भी गलत दावा नहीं करना चाहिए। आमतौर पर बहुत से नौकरीपेशा एचआरए पर छूट का लाभ लेने को फर्जी रेंट रसीद लगाते हैं। आयकर विभाग ने आयकरदाताओं को ऐसे कामों से बचने की चेतावनी दी है।

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हाल ही में आयकर विभाग ने दक्षिण मध्य रेलवे के साथ मिलकर विजयवाड़ा में ‘आउटरीच जागरूकता कार्यक्रम’ का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कर्मचारियों को सटीक कर दाखिल करने के महत्व के बारे में शिक्षित करना था, ताकि उन्हें कर अनुपालन के बारे में आवश्यक (wrong claim of tax exemption) जानकारी दी जा सके और उन्हें ऐसे बिचौलियों पर निर्भर होने से रोका जा सके जो संभावित रूप से उनकी ओर से झूठे दावे दायर कर सकते हैं।

 200 फीसदी तक जुर्माना

रेलवे कर्मचारियों को संबोधित करते हुए संयुक्त आयकर आयुक्त एन। अभिनय ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 में, कई वेतनभोगी कर्मचारियों ने गलत दावे प्रस्तुत किए हैं। अभिनय ने चेतावनी (ITR filing deadline 2024) दी कि गलत कटौतियों के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

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रिफंड का झूठा क्‍लेम पकड़ जाने पर 200 फीसदी तक जुर्माना लगाया जा सकता है और जेल भी हो सकती है। एन। अभिनव ने कहा कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में गलत छूट (ITR Wrong exemption claim) और कटौतियों के कई मामले सामने आए। इन धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल सलाहकारों और बिचौलियों के खिलाफ विभाग ने कार्रवाई की है।

छूट के दावे को लेकर विभाग सख्त

अपने आईटीआर में कटौती या छूट का दावा (ITR wrong claim penalty)  करते समय यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि सभी कटौती वास्तविक हैं और प्रामाणिक भुगतान और दस्तावेज द्वारा समर्थित हैं। दावों के परिणामस्वरूप आय की गलत रिपोर्टिंग नहीं होनी चाहिए। अगर कोई करदाता आयकर अधिनियम के तहत फर्जी कटौतियों का दावा करता है, तो उसे कर चोरी का एक (Income tax notice) रूप माना जाता है।

झूठे दावों की तुरंत पकड़

अब आयकर विभाग एडवांस्ड इंफॉर्मेशन सिस्टम (AIS) और ट्रांजेक्शन इंफॉर्मेशन सिस्टम (TIS) की सहायता से आयकरदाता से संबंधित सभी डेटा को हासिल कर लेते हैं। इस वजह से करदाताओं द्वारा दावा की गई कटौती (INcome tax exemption) और छूट की वे बारीकी से जांच करते हैं और झूठे दावों को तुरंत पकड़ लेते हैं।

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कर चोरी में आय को कम दिखाना, खर्च को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना या कर देयता को कम करने के लिए फर्जी कटौतियों (Tax exemption clain) का दावा करना शामिल है। अपराध की प्रकृति और गंभीरता के आधार पर दंड अलग-अलग होते हैं।

कैसे सुधारें अपनी गलती?

यदि आपने गलत जानकारी के साथ रिटर्न जमा किया है, तो आपको आयकर अधिनियम की धारा 139(5) के अनुसार संशोधित रिटर्न दाखिल करना होगा। यह प्रावधान करदाताओं को त्रुटियों के मामले (ITR filing mistakes) में या यदि कोई आय या व्यय अनजाने में छूट गया हो, तो अपने मूल रिटर्न को संशोधित करने की अनुमति देता है।

इसके अलावा, यदि आपका प्रारंभिक ITR अभी भी सत्यापित नहीं है, तो आप आयकर पोर्टल (Income tax portal) पर नए ‘डिस्कार्ड’ विकल्प का उपयोग कर सकते हैं।

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