Gold Rate Big Update: नए रिकॉर्ड के बाद भी नहीं थमेगा सोना, एक्सपर्ट्स ने बताई चौंकाने वाली भविष्यवाणी

भारतीय बाजार में सोने की कीमत (Gold Rate) ने इतिहास रचते हुए पहली बार प्रति दस ग्राम 1 लाख रुपये का आंकड़ा पार किया, जो MCX पर 1,00,681 रुपये तक पहुंचा। मध्य पूर्व में इजराइल-ईरान तनाव और अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के कारण वैश्विक अनिश्चितता ने सोने की मांग को बढ़ाया है। 
Gold Rate Big Update: नए रिकॉर्ड के बाद भी नहीं थमेगा सोना, एक्सपर्ट्स ने बताई चौंकाने वाली भविष्यवाणी

Gold Rate Big Update: भारतीय बाजार में सोने की चमक ने एक नया इतिहास रच दिया है। Gold Rate ने पहली बार प्रति दस ग्राम 1 लाख रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है, जिसने न केवल आम उपभोक्ताओं को बल्कि अनुभवी निवेशकों को भी हैरान कर दिया है।

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर Gold Rate ने 1,00,681 रुपये का रिकॉर्ड स्तर छुआ और दिन के अंत में 1,00,314 रुपये पर बंद हुआ। यह उछाल वैश्विक अनिश्चितताओं, मध्य पूर्वी संकट, और अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध जैसे कारकों का परिणाम है। आइए, इस ऐतिहासिक तेजी के पीछे के कारणों और इसके प्रभावों को समझते हैं।

मध्य पूर्वी संकट ने बढ़ाई सोने की चमक

मध्य पूर्व में इजराइल और ईरान के बीच बढ़ता तनाव Gold Rate में इस अभूतपूर्व वृद्धि का प्रमुख कारण है। जब वैश्विक स्तर पर राजनीतिक अस्थिरता या युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न होती है, निवेशक अपनी पूंजी को सुरक्षित ठिकानों में लगाने की ओर रुख करते हैं। सोना, जिसे हमेशा से "सुरक्षित आश्रय" माना जाता है, इस समय निवेशकों की पहली पसंद बन गया है।

मध्य पूर्व में अचानक मची हलचल ने वैश्विक बाजारों को हिलाकर रख दिया है, और इसका असर Gold Rate पर साफ दिखाई दे रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह संकट लंबा खिंचता है या इसमें अन्य देश शामिल होते हैं, तो सोने की कीमतें और भी ऊंचाइयों को छू सकती हैं।

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध का असर

Gold Rate में वृद्धि का एक अन्य महत्वपूर्ण कारण है अमेरिका और चीन के बीच चल रहा व्यापार युद्ध। दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ता तनाव वैश्विक बाजारों में अस्थिरता का कारण बन रहा है। अमेरिका द्वारा चीन पर लगाए जा रहे नए प्रतिबंध और बढ़ते टैरिफ ने आर्थिक अनिश्चितता को और गहरा दिया है।

ऐसी स्थिति में निवेशक जोखिम से बचने के लिए सोने की ओर आकर्षित हो रहे हैं। जब डॉलर कमजोर पड़ता है, तो Gold Rate में तेजी देखने को मिलती है, क्योंकि सोना मुद्रास्फीति से सुरक्षा प्रदान करता है। इस व्यापार युद्ध का असर न केवल इन दो देशों, बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है, जिससे सोने की मांग बढ़ रही है।

MCX पर Gold Rate का शानदार प्रदर्शन

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर Gold Rate ने इस बार सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। सुबह 99,500 रुपये पर खुलने के बाद, सोने ने दिनभर में तेज उछाल लिया और 1,00,681 रुपये के ऐतिहासिक स्तर को छुआ। दिन के अंत में यह 1,00,314 रुपये पर बंद हुआ, जो भारतीय बाजार में सोने की मजबूत मांग को दर्शाता है।

त्योहारी सीजन और शादी-विवाह के मौसम में सोने की मांग हमेशा से उच्च रहती है, और इस बार वैश्विक कारकों ने इसे और बढ़ावा दिया है। MCX पर अगले दो दिनों तक बाजार बंद रहेगा, जिसके बाद वैश्विक घटनाओं के आधार पर Gold Rate का रुख तय होगा।

भविष्य में क्या होगा Gold Rate का?

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि Gold Rate में अभी और तेजी देखने को मिल सकती है। सराफा कारोबारी राहुल सोनी का अनुमान है कि मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के कारण अगले दो महीनों में Gold Rate 1,10,000 रुपये तक पहुंच सकता है। कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि और वैश्विक मुद्रास्फीति का दबाव भी सोने की मांग को बढ़ा सकता है।

अर्थशास्त्रियों का कहना है कि जब तक वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता नहीं आती, सोना अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखेगा। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे बाजार की गतिविधियों पर नजर रखें और सोच-समझकर निवेश करें।

निवेशकों और उपभोक्ताओं पर प्रभाव

Gold Rate की इस तेजी का असर निवेशकों और आम उपभोक्ताओं पर अलग-अलग तरीके से पड़ रहा है। जिन लोगों ने पहले से सोने में निवेश किया था, वे इस वृद्धि से खुश हैं, क्योंकि उनकी संपत्ति का मूल्य बढ़ गया है। सोने के सिक्के, आभूषण, और ETF में निवेश करने वालों को अच्छा रिटर्न मिल रहा है।

लेकिन, जो लोग अब सोना खरीदना चाहते हैं, उनके लिए यह चुनौतीपूर्ण है। खासकर त्योहारी सीजन में, जब शादी-विवाह के लिए सोने की मांग बढ़ती है, 1 लाख रुपये प्रति दस ग्राम की कीमत मध्यम वर्ग के लिए भारी पड़ रही है। ज्वेलरी दुकानदारों का कहना है कि ग्राहक अब कम मात्रा में खरीदारी कर रहे हैं या इसे टाल रहे हैं।

वैश्विक बाजार में सोने की स्थिति

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी Gold Rate में तेजी देखी जा रही है, जो भारतीय बाजार को सीधे प्रभावित कर रहा है। वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतें डॉलर में प्रति औंस के हिसाब से तय होती हैं, और इसका असर भारतीय रुपये में Gold Rate पर पड़ता है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियां, यूरोपीय केंद्रीय बैंक के फैसले, और चीन की आर्थिक स्थिति, सभी सोने की कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं।

कई देशों के केंद्रीय बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं, जिससे मांग में और इजाफा हो रहा है। तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, Gold Rate में अभी तेजी का रुझान बरकरार है।

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