DA Merger पर सरकार का बड़ा बयान! सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा तगड़ा फायदा या लगेगा झटका?

केंद्र सरकार ने साफ किया कि 8वें वेतन आयोग से पहले डीए (महंगाई भत्ता) को मूल वेतन में मर्ज करने की कोई योजना नहीं है। 1 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स को डीए 2025 का इंतजार। 7वें वेतन आयोग के तहत अभी 53% डीए मिल रहा है। सरकार का जवाब राज्यसभा में पंकज चौधरी ने दिया।
DA Merger पर सरकार का बड़ा बयान! सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा तगड़ा फायदा या लगेगा झटका?

जब बात केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की आती है, तो हर किसी की नजर जनवरी 2025 में मिलने वाले महंगाई भत्ते (DA 2025) पर टिकी है। करीब 1 करोड़ से ज्यादा लोग इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आई है, जो डीए को मूल वेतन में मर्ज करने (DA Merger) से जुड़ी है। सरकार ने अब इस मामले पर अपनी स्थिति साफ कर दी है और लिखित में जवाब दिया है। क्या है सरकार का रुख और क्या होगा कर्मचारियों का भविष्य, आइए इसे समझते हैं।

पिछले कई सालों से केंद्रीय कर्मचारी (central employees) और पेंशनर्स डीए को बेसिक सैलरी (basic salary hike) में शामिल करने की मांग उठाते आ रहे हैं। खासकर तब, जब महंगाई भत्ता (dearness allowance) 50 प्रतिशत से ऊपर जाता है। अभी 7वें वेतन आयोग (7th pay commission) के तहत कर्मचारियों को 53 प्रतिशत डीए मिल रहा है, जो बढ़ती महंगाई (inflation) के दौर में उनके खर्च को संभालने में मदद करता है।

जब डीए और महंगाई राहत (dearness relief) 50 प्रतिशत से अधिक हो जाते हैं, तो इसे मूल वेतन या पेंशन में मर्ज करने की परंपरा रही है। यही वजह है कि 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) से पहले इसे लेकर चर्चाएं जोरों पर थीं।

इन सवालों का जवाब देने के लिए सरकार ने राज्यसभा (Rajya Sabha) में एक सांसद के सवाल पर लिखित बयान जारी किया। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी (Pankaj Chaudhary) ने साफ कहा कि इस साल या 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट (8th CPC report) से पहले डीए या डीआर (DA/DR hike) को बेसिक सैलरी में मर्ज करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। इसका मतलब है कि अभी कर्मचारियों और पेंशनर्स को मौजूदा ढांचे के तहत ही राहत मिलेगी।

हर साल दो बार सरकार डीए और डीआर की दरों में संशोधन करती है। पहली बार 1 जनवरी से 31 जून और दूसरी बार 1 जुलाई से 31 दिसंबर के लिए। यह बढ़ोतरी ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) के आंकड़ों पर आधारित होती है। पंकज चौधरी ने पहले भी बताया था कि डीए और डीआर को मूल वेतन से अलग रखा गया है, ताकि यह महंगाई से जूझ रहे कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए मददगार साबित हो सके। यह सुविधा केंद्र सरकार के लेबर ब्यूरो, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा तय की जाती है।

7वां वेतन आयोग (7th pay commission) 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था और अब तक 9 साल से ज्यादा समय बीत चुका है। इस दौरान डीए में 15 बार बढ़ोतरी (DA hike) हो चुकी है। हर छह महीने में यह बदलाव होता है, हालांकि कोरोना काल में तीन तिमाही का डीए रोक दिया गया था।

यह बढ़ोतरी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई से लड़ने में सहारा देती है। लेकिन अब सरकार के ताजा जवाब से साफ है कि 8वें वेतन आयोग (8th CPC salary hike) से पहले डीए को मूल वेतन में मर्ज करने की कोई योजना नहीं है। आगे क्या होगा, यह सरकार के अगले कदम पर निर्भर करता है।

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