ICICI और HDFC ने दिया तगड़ा झटका! FD और लोन की ब्याज दरों में अचानक की कटौती

भारत के प्रमुख निजी बैंक ICICI और HDFC ने ब्याज दरों (Interest Rates) में कटौती कर ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है। HDFC ने MCLR दरों में 10 आधार अंकों की कमी की, जो अब 8.90% से 9.10% के बीच है, जबकि ICICI ने सावधि जमा (Fixed Deposit) पर ब्याज दरों में 10 से 35 आधार अंकों तक की कटौती की। 
ICICI और HDFC ने दिया तगड़ा झटका! FD और लोन की ब्याज दरों में अचानक की कटौती

भारत के दो प्रमुख निजी बैंक, ICICI और HDFC, ने अपने ग्राहकों को चौंकाने वाला फैसला सुनाया है। इन बैंकों ने अपनी ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया है, जिसका सीधा असर आपकी बचत और निवेश पर पड़ने वाला है। निजी क्षेत्र के दिग्गज HDFC बैंक ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में 10 आधार अंकों की कमी की है।

अब एक से तीन साल की अवधि के लिए MCLR दरें 8.90% से 9.10% के बीच होंगी। दूसरी ओर, ICICI बैंक ने 3 करोड़ रुपये तक की सावधि जमा (Fixed Deposit) पर ब्याज दरों में 10 से 35 आधार अंकों तक की कटौती की है। यह बदलाव न केवल आपकी बचत (Savings) पर असर डालेगा, बल्कि लोन की लागत को भी प्रभावित कर सकता है।

सावधि जमा पर नया झटका

ICICI बैंक ने अपनी सावधि जमा (Fixed Deposit) की ब्याज दरों में बदलाव किया है, जो छोटे और मध्यम निवेशकों के लिए निराशाजनक खबर है। अब 271 दिन से एक साल की जमा पर ब्याज दर 5.75% होगी, जो पहले की तुलना में 25 आधार अंक कम है। वहीं, 18 महीने से दो साल की जमा पर ब्याज दर 35 आधार अंक घटकर 6.50% हो गई है।

लंबी अवधि की जमा, यानी 5 से 10 साल की Fixed Deposit पर ब्याज दर 10 आधार अंक कम होकर 6.60% हो गई है। इसके अलावा, टैक्स सेवर Fixed Deposit की ब्याज दर में 15 आधार अंकों की कटौती की गई है, जो अब 6.60% पर आ गई है। यह कटौती उन लोगों को प्रभावित करेगी जो अपनी बचत को सुरक्षित निवेश (Investment) के रूप में Fixed Deposit में रखना पसंद करते हैं।

रेपो रेट में कटौती का असर

हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कटौती का फैसला किया। इस निर्णय ने बैंकों को अपनी ब्याज दरें कम करने के लिए प्रेरित किया है। सरकारी क्षेत्र के बड़े बैंक जैसे बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक ने पहले ही अपनी रेपो-लिंक्ड ऋण दरों (Repo-linked Loan Rates) में 50 आधार अंकों की कमी कर दी है।

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में बैंक बचत खातों (Savings Account) पर ब्याज दरों में 25 से 50 आधार अंकों तक की और कटौती कर सकते हैं। इसका मतलब है कि आपकी बचत पर मिलने वाला रिटर्न और कम हो सकता है।

अन्य बैंकों ने भी कसी कमर

HDFC और ICICI के अलावा, कई अन्य बैंकों ने भी अपनी ब्याज दरों में कटौती की है। सरकारी क्षेत्र का केनरा बैंक और निजी क्षेत्र का कोटक महिंद्रा बैंक ने भी सावधि जमा (Fixed Deposit) पर ब्याज दरें कम कर दी हैं। RBI की रेपो रेट में कटौती के बाद से बैंक लगातार Fixed Deposit पर ब्याज दरें घटा रहे हैं। यह बदलाव उन निवेशकों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है जो Fixed Deposit को सुरक्षित और स्थिर रिटर्न का साधन मानते हैं।

क्या होगा भविष्य में?

बैंकों की इस रणनीति का असर न केवल व्यक्तिगत बचत पर पड़ेगा, बल्कि छोटे व्यवसायों और मध्यम वर्ग के लिए ऋण की लागत पर भी असर हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि रेपो रेट में कमी से अर्थव्यवस्था को गति मिल सकती है, लेकिन बचत पर कम ब्याज दरें मध्यम वर्ग के लिए चिंता का विषय बन सकती हैं।

ऐसे में निवेशकों को अपने पैसे को अन्य विकल्पों, जैसे म्यूचुअल फंड या सरकारी योजनाओं (Government Schemes) में निवेश करने पर विचार करना पड़ सकता है।

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