अगर HRA छूट चाहिए तो अभी तैयार रखें ये 4 सबूत, वरना इनकम टैक्स विभाग की होगी कड़ी पूछताछ

किराए पर रहने वालों के लिए इनकम टैक्स एक्ट का सेक्शन 80GG टैक्स बचत का शानदार मौका देता है। वैध रेंट एग्रीमेंट और रेंट स्लिप के साथ HRA क्लेम करें। ऑनलाइन किराया भुगतान और मकान मालिक का पैन कार्ड जरूरी। आयकर विभाग नोटिस से बचने के लिए सही डॉक्यूमेंट दें।
अगर HRA छूट चाहिए तो अभी तैयार रखें ये 4 सबूत, वरना इनकम टैक्स विभाग की होगी कड़ी पूछताछ

अगर आप किराए के मकान में रहते हैं और टैक्स बचाने का आसान तरीका ढूंढ रहे हैं, तो इनकम टैक्स एक्ट का सेक्शन 80GG आपके लिए बेहतरीन मौका देता है। यह नियम खास तौर पर उन लोगों के लिए बनाया गया है जो किराए पर रहते हैं और अपनी मेहनत की कमाई पर टैक्स छूट (tax saving) का फायदा उठाना चाहते हैं।

हालांकि, इस छूट को पाने के लिए कुछ जरूरी शर्तों का पालन करना पड़ता है। सबसे पहले, आपके पास एक सही और वैध रेंट एग्रीमेंट (valid rent agreement) होना चाहिए, जो आयकर नियमों के मुताबिक तैयार किया गया हो। यह दस्तावेज आपकी टैक्स बचत की नींव रखता है।

रेंट एग्रीमेंट बनाते समय कुछ बातों का खास ध्यान रखना जरूरी है। अगर आप हर महीने 50,000 रुपये से ज्यादा किराया देते हैं, तो उसमें से टीडीएस (TDS) कटौती अनिवार्य है। एग्रीमेंट में साफ लिखा होना चाहिए कि टीडीएस कटेगा या नहीं, और अगर कटेगा तो कैसे। इसके अलावा, किरायेदार और मकान मालिक की पूरी जानकारी, जैसे नाम और पता, भी इसमें शामिल होनी चाहिए। वहीं, हाउस रेंट अलाउंस (HRA) का दावा करने के लिए रेंट एग्रीमेंट के साथ-साथ रेंट स्लिप (rent slip) भी बहुत जरूरी है।

हर महीने किराया देने के बाद मकान मालिक से स्लिप जरूर लें, क्योंकि यह साबित करता है कि आपने किराया सचमुच चुकाया है। इन दस्तावेजों को संभालकर रखें, ताकि टैक्स क्लेम के वक्त कोई परेशानी न हो।

किराया देने का तरीका भी टैक्स बचत में बड़ा रोल निभाता है। आमतौर पर कोई नहीं पूछता कि आपने किराया कैश में दिया या ऑनलाइन, लेकिन अगर आयकर विभाग (Income Tax Department) का नोटिस आ जाए, तो आपको पक्के सबूत दिखाने पड़ सकते हैं। कैश में भुगतान करने पर बैंक स्टेटमेंट (bank statement) नहीं मिलता, जिससे मुश्किल हो सकती है।

इसलिए टैक्स विशेषज्ञ (tax experts) और सीए (CA) हमेशा सलाह देते हैं कि किराया डिजिटल तरीके से चुकाएं। UPI, नेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड (credit card), या फोनपे जैसे ऑनलाइन माध्यमों से भुगतान करें। इससे आपके पास रेंट स्लिप या स्टेटमेंट का ठोस सबूत रहता है, जिसे कोई चुनौती नहीं दे सकता।

टैक्स छूट का पूरा फायदा लेने के लिए मकान मालिक का पैन कार्ड (PAN card) भी जरूरी है। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करते समय HRA क्लेम के लिए यह जानकारी देनी होती है। पैन कार्ड से आयकर विभाग को पता चलता है कि आपका किराया सही व्यक्ति तक पहुंचा है।

अगर आपका सालाना किराया 1 लाख रुपये से ज्यादा है, तो पैन देना अनिवार्य है, वरना HRA का दावा अधूरा रह सकता है। ध्यान रखें कि पैन सही हो, क्योंकि गलत जानकारी देने पर नोटिस का खतरा रहता है। हाल ही में आयकर विभाग ने कई लोगों को नोटिस भेजे हैं, जिन्होंने टैक्स बेनेफिट (tax benefit) के चक्कर में फर्जी पैन दिया था।

अगर आयकर विभाग से नोटिस आ जाए तो घबराने की जरूरत नहीं है। कई बार विभाग गलती से भी नोटिस भेज देता है। ऐसे में नोटिस में मांगी गई जानकारी, जैसे रेंट एग्रीमेंट और HRA डॉक्यूमेंट (HRA document), को सही और समय पर जमा करें। सभी दस्तावेज असली और सटीक हों, ताकि आप आसानी से इस परेशानी से बाहर निकल सकें। इन नियमों का पालन करने से न सिर्फ टैक्स बचत होगी, बल्कि आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग भी मजबूत होगी।

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