रेलवे की नई डिजिटल प्रणाली से खत्म हुई टिकट कालाबाजारी, अब बुकिंग होगी मिनटों में

भारतीय रेलवे ने डिजिटल टिकट बुकिंग के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। 22 मई 2025 को महज एक मिनट में 31,814 टिकटों की बुकिंग दर्ज की गई, जो रेलवे के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। इस उपलब्धि के साथ-साथ, रेलवे ने टिकटों की कालाबाजारी पर नकेल कसने के लिए 2.5 करोड़ फर्जी यूजर अकाउंट्स को निष्क्रिय कर दिया है।
यह कदम न केवल डिजिटल प्रणाली को मजबूत करता है, बल्कि आम यात्रियों के लिए टिकट बुकिंग को और भी सुगम बनाता है।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे ने अपनी ऑनलाइन टिकट बुकिंग प्रणाली को पूरी तरह से आधुनिक और सुरक्षित बनाया है। अब वेबसाइट पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित एक उन्नत एंटी-बॉट सिस्टम लागू किया गया है, जो अवैध और स्वचालित बुकिंग करने वाले बॉट्स को तुरंत पकड़कर ब्लॉक कर देता है। यह तकनीक सुनिश्चित करती है कि केवल वास्तविक यात्री ही टिकट बुक कर सकें, जिससे प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ी है।
तत्काल टिकट बुकिंग की प्रक्रिया को और सरल बनाया गया है। पहले, तत्काल टिकट बुकिंग में 50% से अधिक लॉगिन बॉट्स के जरिए हो रहे थे, जिससे आम यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। अब इस समस्या को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। नतीजतन, वास्तविक यात्रियों को बिना किसी देरी या एजेंटों की मध्यस्थता के आसानी से टिकट मिल रहा है। यह बदलाव उन लाखों यात्रियों के लिए राहत की खबर है जो रोजाना रेलवे की सेवाओं पर निर्भर हैं।
कालाबाजारी को रोकने के लिए रेलवे ने सख्त कदम उठाए हैं। करीब 2.5 करोड़ फर्जी यूजर अकाउंट्स, जो नियमों का उल्लंघन कर टिकट बुकिंग में गड़बड़ी कर रहे थे, को बंद कर दिया गया है। अब केवल सत्यापित यूजर्स ही बुकिंग की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
इसके अलावा, नई गाइडलाइंस के तहत आधार सत्यापन न कराने वाले यूजर्स को रजिस्ट्रेशन के तीन दिन बाद ही तत्काल या प्रीमियम तत्काल टिकट बुक करने की अनुमति होगी, जबकि आधार सत्यापित यूजर्स तुरंत बुकिंग कर सकते हैं।
रेलवे की डिजिटल प्रणाली में और सुधार देखने को मिला है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में रोजाना लॉगिन की संख्या 69.08 लाख थी, जो 2024-25 में बढ़कर 82.57 लाख हो गई, यानी लगभग 19.53% की वृद्धि। साथ ही, रोजाना टिकट बुकिंग में 11.85% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
अब कुल आरक्षित टिकटों का 86.38% हिस्सा ऑनलाइन बुक हो रहा है। वेबसाइट का 87% स्टैटिक कंटेंट अब कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (CDN) के जरिए सर्व किया जा रहा है, जिससे वेबसाइट की गति बढ़ी है और सर्वर पर दबाव कम हुआ है।
इसके अतिरिक्त, AI-आधारित सिस्टम संदिग्ध गतिविधियों को तुरंत पहचानकर उन्हें ब्लॉक करता है। संदिग्ध यूजर्स की शिकायत साइबर क्राइम पोर्टल के माध्यम से दर्ज की जा सकती है। ये सभी कदम भारतीय रेलवे को न केवल तकनीकी रूप से उन्नत बनाते हैं, बल्कि यात्रियों के लिए एक विश्वसनीय और पारदर्शी अनुभव भी सुनिश्चित करते हैं।