नोएडा में बन रहा है भारत का अगला सिलिकॉन वैली! जानिए कैसे मिलेगा 15,000 लोगों को रोजगार

केंद्र सरकार ने गौतम बुद्ध नगर में एक भव्य इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMC 2.0) स्थापित करने का ऐलान किया है, जिसकी लागत 417 करोड़ रुपये होगी। यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) द्वारा 200 एकड़ जमीन पर विकसित होने वाला यह प्रोजेक्ट नौकरी और बिजनेस की तलाश में जुटे लोगों के लिए किसी सुनहरे अवसर से कम नहीं है।
इस क्लस्टर से न केवल 2500 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है, बल्कि यह भारत को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित होगा।
रोजगार और स्टार्टअप्स को मिलेगा बढ़ावा
इस मेगा प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा फायदा होगा रोजगार सृजन। सरकार का दावा है कि यह क्लस्टर करीब 15,000 नई नौकरियां पैदा करेगा। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘विकसित भारत’ के विजन का हिस्सा बताया।
उन्होंने कहा, “यह क्लस्टर न केवल विश्व स्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर की नींव रखेगा, बल्कि हजारों युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी देगा।” यह प्रोजेक्ट नोएडा को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का एक मजबूत केंद्र बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।
छोटे उद्यमों के लिए सुनहरा मौका
यह क्लस्टर सिर्फ बड़ी कंपनियों के लिए नहीं, बल्कि छोटे और मझोले उद्यमों (MSMEs) और स्टार्टअप्स के लिए भी एक वरदान साबित होगा। यह कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोटिव और इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल डिवाइसेज, कंप्यूटर हार्डवेयर और कम्युनिकेशन उपकरण जैसे क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
यहां प्लग-एंड-प्ले इन्फ्रास्ट्रक्चर और शेयर्ड फैसिलिटीज की सुविधा होगी, जिससे छोटी कंपनियों को अपनी फैक्ट्री शुरू करने में आसानी होगी। साथ ही, फैक्ट्री शेड्स, बिजली, पानी, सीवेज ट्रीटमेंट, हॉस्टल, स्किल डेवलपमेंट सेंटर और हेल्थ सेंटर जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। इससे छोटे उद्यम अपनी लागत कम कर सकेंगे और अपने बिजनेस को तेजी से बढ़ा सकेंगे।
सामरिक लोकेशन का लाभ
इस क्लस्टर की लोकेशन इसे और भी खास बनाती है। यह यमुना एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और निर्माणाधीन पलवल-खुर्जा एक्सप्रेसवे के करीब है। साथ ही, रेलवे स्टेशन और आगामी जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इसकी निकटता इसे लॉजिस्टिक्स के लिए आदर्श बनाती है।
यह मेडिकल डिवाइस पार्क, MSME और अपैरल पार्क, और एविएशन हब जैसे अन्य औद्योगिक क्षेत्रों के भी पास है। इसका मतलब है कि यहां काम करने वाली कंपनियों को सामान और कर्मचारियों की आवाजाही में कोई दिक्कत नहीं होगी, जिससे प्रोडक्शन लागत में कमी आएगी और कारोबारी माहौल को बढ़ावा मिलेगा।