बैंक डिपॉजिट पर ब्याज दरों में उछाल, अब आपकी बचत होगी दोगुनी, जानिए कैसे

वित्त मंत्री ने बैंक प्रमुखों से कहा है कि वह जमा राशि ज्यादा जुटाने के लिए विशेष अभियान चलाने के साथ ही ग्राहकों की सुविधाओं को बेहतर बनाने की कोशिश करें और ग्रामीण व अ‌र्द्ध-शहरी क्षेत्रों के ग्राहकों के साथ खास तौर (bank deposit rules) पर आकर्षित करने की कोशिश करें।
बैंक डिपॉजिट पर ब्याज दरों में उछाल, अब आपकी बचत होगी दोगुनी, जानिए कैसे

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर सरकारी बैंकों से आग्रह किया है कि वे आम जनता से ज्यादा जमा राशि जुटाने के लिए विशेष अभियान चलायें। सोमवार को सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक में वित्त मंत्री (FM Nirmala Sitharaman) ने यह खास आग्रह किया।

उन्होंने कुछ इसी तरह का आग्रह पिछले हफ्ते शनिवार को आरबीआई के साथ हुई बैठक में किया था। यह वित्त मंत्रालय की इस चिंता को बताता है कि देश के बैंकिंग सेक्टर में कर्ज वितरण (latest bank Update) की रफ्तार काफी तेज है जबकि जमा राशि संग्रह की रफ्तार उस तेजी से नहीं बढ़ रही है।

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बैठक में लिया बड़ा फैसला

पिछले कुछ महीनो से बैंकिंग सेक्टर में कर्ज वितरण की रफ्तार जमा संग्रह से तीन से चार फीसद ज्यादा बनी हुई है। कई विशेषज्ञों ने हाल के दिनों में कहा है कि बैंकों की परिसंपत्तियों और दायित्व के बीच फासला (bank interest rates hike news) बढ़ रहा है जिसका खामियाजा बैंकों को आगे चल कर भुगतना पड़ सकता है।

वित्त मंत्री ने सोमवार को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के प्रमुखों के साथ भी अलग से बैठक की है।

इस वजह से चलाया विशेष अभियान

वित्त मंत्री ने बैंक प्रमुखों से कहा है कि वह जमा राशि ज्यादा जुटाने के लिए विशेष अभियान चलाने के साथ ही ग्राहकों की सुविधाओं को बेहतर बनाने की कोशिश करें और ग्रामीण व अ‌र्द्ध-शहरी क्षेत्रों के ग्राहकों के साथ खास तौर (bank deposit rules) पर आकर्षित करने की कोशिश करें।

बैंक के कर्मचारियों के स्तर पर यह कोशिश होनी चाहिए कि वह ग्राहकों के साथ संपर्क बनाने के लिए आगे आएं। बैंक आपस में इस बारे में ज्यादा (savings account rules) सहयोग स्थापित करें।

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अगर एक बैंक ने जमा राशि जुटाने में कोई सफलता हासिल की है जो उस अनुभव को दूसरे बैंकों के साथ साझा किया जाए। जहां तक संभव हो प्रौद्योगिक के इस्तेमाल को भी इस बारे में बढ़ावा दिया जाए।

आज की बैठक में वित्त सचिव विवेक जोशी (bank account rules and guidelines) और वित्त मंत्रालय के दूसरे वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। पिछले कुछ वर्षों में सरकारी बैंको के वित्तीय प्रदर्शन को काफी संतोषप्रद पाया गया है।

अब साइबर फ्रॉड की चुनौती

बैठक में बताया गया है कि सरकारी बैंकों का समग्र तौर पर एनपीए का स्तर (परिसंपत्तियों के मुकाबले) घट कर 0.76 फीसद पर आ गया है। नेट इंटरेस्ट मार्जिन बढ़ कर 3.22 फीसद हो गया है और बैंकों का शुद्ध मुनाफा (bank rule change) वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 1.45 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। ऐसे में जमा और कर्ज के बीच बढ़ता अंतर ही एक संभावित खतरा है।

दूसरी बड़ी चुनौती के तौर पर साइबर फ्राड को चिन्हित किया गया है। साइबर सिक्यूरिटी को लेकर वित्त मंत्री ने सरकार, बैंक, नियामक एजेंसियों के बीच और ज्यादा समन्वयन स्थापित करने की बात कही है।

उन्होंने बैंकों से (bank interest hike update) आग्रह किया कि वह अपनी सूचना प्रौद्योगिकी आधारित व्यवस्था की लगातार समीक्षा करते रहें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि साइबर सिक्यूरिटी से जुड़ी व्यवस्थाएं ठीक तरीके से काम कर रही हैं।

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