2025 में घर खरीदना बन गया नामुमकिन? 7 बड़े शहरों में आसमान छूने लगीं कीमतें

हर इंसान का सपना होता है कि उसका अपना एक आशियाना हो, लेकिन आसमान छूती महंगाई ने इस सपने को हकीकत में बदलना कई लोगों के लिए चुनौती बना दिया है। हाल ही में एक प्रमुख रियल एस्टेट कंपनी ने अपनी ताजा रिपोर्ट में खुलासा किया है कि देश के सात प्रमुख शहरों में अप्रैल-जून तिमाही के दौरान घरों की कीमतों में 11 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है।
अगर आप भी अपने सपनों का घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो इस रिपोर्ट को समझना आपके लिए बेहद जरूरी है।
घरों की बिक्री में भारी गिरावट
देश के सात प्रमुख शहरों में इस साल अप्रैल-जून तिमाही के दौरान आवासीय संपत्तियों की कीमतों में सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जिसका सीधा असर बिक्री पर पड़ा। रियल एस्टेट सलाहकार फर्म एनारॉक की गुरुवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, इस तिमाही में मकानों की बिक्री में 20 प्रतिशत की कमी आई है।
जहां पिछले साल इसी तिमाही में 1,20,335 यूनिट्स की बिक्री हुई थी, वहीं इस साल यह आंकड़ा घटकर 96,285 यूनिट्स पर आ गया। यह गिरावट कई आर्थिक और सामाजिक कारकों का नतीजा है, जिसने खरीदारों के मन में अनिश्चितता पैदा की है।
टियर-वन शहरों में मंदी, चेन्नई में उछाल
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे और कोलकाता जैसे टियर-वन शहरों में मकानों की बिक्री में कमी दर्ज की गई। हालांकि, चेन्नई इस मामले में अपवाद रहा, जहां मांग में बढ़ोतरी देखी गई। एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने बताया कि 2025 की दूसरी तिमाही भारतीय रियल एस्टेट बाजार के लिए उतार-चढ़ाव भरी रही।
देश और विदेश में चल रही सैन्य गतिविधियों ने भी बाजार को प्रभावित किया। युद्ध जैसी परिस्थितियों ने खरीदारों को अपने फैसले टालने पर मजबूर किया, जिससे पिछले दो सालों में संपत्ति की कीमतों में आई तेजी का असर और गहरा हो गया।
कीमतों में बढ़ोतरी और भविष्य की उम्मीदें
एनारॉक की रिपोर्ट के मुताबिक, शीर्ष सात शहरों में औसत आवासीय कीमतों में 11 प्रतिशत की सालाना वृद्धि हुई। एनसीआर में यह वृद्धि सबसे ज्यादा रही, जहां कीमतों में 27 प्रतिशत का उछाल देखा गया। इसके बाद बेंगलुरु में 12 प्रतिशत और हैदराबाद में 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
अनुज पुरी का कहना है कि अब घरेलू स्तर पर तनाव कम होने और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नीतिगत दरों में कटौती की संभावना से खरीदारों का भरोसा धीरे-धीरे लौट रहा है। यह बदलाव रियल एस्टेट बाजार में नई उम्मीदें जगा रहा है, और आने वाले समय में मांग में सुधार की संभावना है।