सड़क यातायात में बड़ा बदलाव, NHAI ने बढ़ाई टोल प्लाजा के बीच दूरी

देश में टोल टैक्स से राहत! एनएचएआई का नियम: टोल बूथ पर 100 मीटर से लंबी कतार हो, तो टोल फ्री यात्रा। 60 किलोमीटर नियम के तहत दो टोल प्लाजा की दूरी तय। रोड टैक्स और टोल टैक्स में अंतर समझें। नितिन गडकरी और सड़क परिवहन मंत्रालय की पहल से हाईवे यात्रा अब और सुगम
सड़क यातायात में बड़ा बदलाव, NHAI ने बढ़ाई टोल प्लाजा के बीच दूरी 

भारत की सड़कों पर तेजी से बदलाव हो रहा है। नए हाईवे और एक्सप्रेसवे बन रहे हैं, जो यात्रियों को तेज और सुगम यात्रा का अनुभव दे रहे हैं। लेकिन इसके साथ ही टोल टैक्स की बढ़ती दरें आम लोगों के लिए चिंता का विषय बन रही हैं। क्या आप जानते हैं कि कुछ खास परिस्थितियों में आप बिना टोल टैक्स चुकाए हाईवे पर यात्रा कर सकते हैं? आइए, इस खास व्यवस्था के बारे में विस्तार से जानते हैं, जो न केवल आपके पैसे बचा सकती है, बल्कि यात्रा को और भी आसान बना सकती है।

टोल बूथ पर लंबी कतार? अब टोल फ्री होगी यात्रा!

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने यात्रियों की सुविधा के लिए एक अनोखा नियम बनाया है। अगर किसी टोल बूथ पर वाहनों की कतार 100 मीटर से ज्यादा लंबी हो जाती है, तो उस टोल बूथ को अस्थायी रूप से टोल-मुक्त कर दिया जाता है। इसका मतलब है कि आपको बिना कोई शुल्क दिए हाईवे पर आगे बढ़ने की अनुमति मिल जाएगी। इस नियम का मकसद है टोल बूथ पर लगने वाली लंबी कतारों को कम करना और यातायात को सुचारु रखना।

एनएचएआई के अनुसार, टोल बूथ पर भुगतान का समय अधिकतम 10 सेकंड होना चाहिए। इसके लिए हर टोल लेन पर बूथ से 100 मीटर की दूरी पर एक पीली रेखा खींची जाती है। जब वाहनों की लाइन इस रेखा को पार कर जाती है, तो टोल फ्री हो जाता है। जैसे ही कतार इस रेखा के भीतर आती है, टोल टैक्स फिर से लागू हो जाता है। यह व्यवस्था न केवल समय बचाती है, बल्कि यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत भी है।

60 किलोमीटर का नियम: क्या है यह?

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 2008 के फी रूल के तहत एक महत्वपूर्ण नियम बनाया है, जिसके अनुसार दो टोल प्लाजा के बीच कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी होनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस नियम की पुष्टि करते हुए कहा कि उनका मंत्रालय इस दिशा में काम कर रहा है ताकि हाईवे पर टोल प्लाजा की संख्या कम की जा सके।

हालांकि, कई बार भौगोलिक परिस्थितियों, ट्रैफिक जाम, या जगह की कमी के कारण इस नियम का पूरी तरह पालन नहीं हो पाता। फिर भी, मंत्रालय का लक्ष्य है कि भविष्य में हाईवे पर टोल प्लाजा की संख्या को और कम किया जाए ताकि यात्रियों को कम टोल टैक्स देना पड़े।

टोल टैक्स और रोड टैक्स: समझें अंतर

कई लोग टोल टैक्स और रोड टैक्स को एक ही समझ लेते हैं, लेकिन इनमें बड़ा अंतर है। रोड टैक्स वह शुल्क है, जो वाहन मालिक अपने राज्य के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) को चुकाते हैं। यह शुल्क राज्य की सड़कों के उपयोग के लिए लिया जाता है। वहीं, टोल टैक्स एक विशिष्ट हाईवे या एक्सप्रेसवे के उपयोग के लिए वसूला जाता है।

यह राशि उस सड़क के निर्माण और रखरखाव के लिए जिम्मेदार कंपनी या एनएचएआई को जाती है, न कि राज्य सरकार को। यह समझना जरूरी है ताकि आप अपने वाहन से संबंधित खर्चों को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकें।

यात्रियों के लिए राहत, लेकिन जागरूकता जरूरी

टोल टैक्स से जुड़े ये नियम यात्रियों के लिए बड़ी राहत लेकर आए हैं, लेकिन इसके लिए जागरूकता बहुत जरूरी है। कई बार लोग इन नियमों से अनजान रहते हैं और अनावश्यक रूप से टोल टैक्स का भुगतान करते हैं। एनएचएआई और सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं, ताकि लोग इन सुविधाओं का लाभ उठा सकें। अगली बार जब आप हाईवे पर यात्रा करें, तो टोल बूथ पर नजर रखें और अगर कतार 100 मीटर से ज्यादा हो, तो इस नियम का फायदा उठाएं।

यह व्यवस्था न केवल यात्रियों के समय और पैसे की बचत करती है, बल्कि भारत के हाईवे को और भी सुगम और आधुनिक बनाती है। तो, अगली बार हाईवे पर निकलें, तो इन नियमों को याद रखें और अपनी यात्रा को और आसान बनाएं!

Share this story