New Currency: अब नोटों पर नहीं दिखेंगे राजनेता, होगी हिंदू मंदिर और बौद्ध मठ की तस्वीर

New Currency: बांग्लादेश ने अपनी करेंसी में एक ऐतिहासिक बदलाव की घोषणा की है, जो न केवल देश की सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करेगा, बल्कि इसके इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम की भावनाओं को भी जीवंत रखेगा। हाल ही में, बांग्लादेश सरकार ने फैसला लिया है कि अब देश के नोटों पर पूर्व प्रधानमंत्री शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर की जगह हिंदू मंदिर, बौद्ध मठ, और अन्य ऐतिहासिक स्थलों की छवियां अंकित की जाएंगी।
यह निर्णय रविवार, 1 जून 2025 को लिया गया, जो बांग्लादेश की करेंसी के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है। इस बदलाव का उद्देश्य देश की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना है।
नई करेंसी के डिज़ाइन में बांग्लादेश की समृद्ध विरासत को प्राथमिकता दी गई है। बांग्लादेश बैंक के प्रवक्ता आरिफ हुसैन खान ने बताया कि नए नोटों में किसी व्यक्ति विशेष की तस्वीर नहीं होगी। इसके बजाय, नोटों पर हिंदू मंदिरों और बौद्ध मठों के साथ-साथ प्रसिद्ध कलाकार जैनुल आबेदीन की कृतियां और राष्ट्रीय शहीद स्मारक की तस्वीरें शामिल होंगी।
ये तस्वीरें 1971 के मुक्ति युद्ध में शहीद हुए वीरों को श्रद्धांजलि देने का एक प्रतीकात्मक प्रयास हैं। नए नोट जल्द ही सेंट्रल बैंक के मुख्यालय से जारी किए जाएंगे और धीरे-धीरे देशभर में प्रचलन में आएंगे। यह कदम न केवल बांग्लादेश की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करेगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा दे सकता है।
यह पहली बार नहीं है जब बांग्लादेश ने अपनी करेंसी में बदलाव किया हो। 1971 में देश की स्वतंत्रता के बाद, 1972 में पहली बार नई करेंसी जारी की गई थी, जिसमें शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर शामिल थी। यह तस्वीर दशकों तक बांग्लादेश के नोटों की शोभा बढ़ाती रही।
हालांकि, हाल के वर्षों में देश में हुए राजनीतिक परिवर्तनों, विशेष रूप से पिछले साल छात्र आंदोलन के बाद शेख हसीना के नेतृत्व में हुए तख्तापलट के बाद, यह बदलाव अपेक्षित था। शेख हसीना, जो शेख मुजीबुर रहमान की बेटी हैं, को भारत में शरण लेनी पड़ी थी। इस पृष्ठभूमि में, नई करेंसी का डिज़ाइन बांग्लादेश के इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को नए सिरे से परिभाषित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह बदलाव बांग्लादेश के लोगों के लिए गर्व का विषय है। नए नोट न केवल देश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को दर्शाएंगे, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेंगे कि आने वाली पीढ़ियां 1971 के मुक्ति युद्ध की भावना को याद रखें। बांग्लादेश बैंक का यह प्रयास न केवल आर्थिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
यह कदम देश की एकता और विविधता को दर्शाने वाला एक अनूठा प्रयास है, जो वैश्विक स्तर पर भी चर्चा का विषय बन सकता है।