सिर्फ कॉलेज नहीं, अब नर्सरी से 12वीं तक भी मिलेगा एजुकेशन लोन! जानिए कैसे

आजकल बढ़ती स्कूल फीस माता-पिता के लिए एक बड़ी चिंता बन गई है, लेकिन स्कूल एजुकेशन लोन इस समस्या का प्रभावी समाधान है। SBI, ICICI, HDFC जैसे बैंक ट्यूशन फीस, किताबें, यूनिफॉर्म, हॉस्टल और लैपटॉप जैसे खर्चों के लिए लोन दे रहे हैं।
सिर्फ कॉलेज नहीं, अब नर्सरी से 12वीं तक भी मिलेगा एजुकेशन लोन! जानिए कैसे

आज के दौर में बच्चों को अच्छी स्कूली शिक्षा दिलाना किसी बड़े इम्तिहान से कम नहीं है। चाहे दिल्ली, मुंबई जैसे महानगर हों या छोटे-छोटे कस्बे, हर जगह स्कूलों की फीस लगातार बढ़ रही है। सिर्फ मेधा अब काफी नहीं, जेब में भारी रकम भी चाहिए। ऐसे में माता-पिता के लिए एजुकेशन लोन एक भरोसेमंद सहारा बनकर उभरा है।

नर्सरी से लेकर बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई के लिए बैंक और वित्तीय संस्थान अब खास लोन दे रहे हैं, जो ट्यूशन फीस से लेकर किताबों, यूनिफॉर्म, हॉस्टल और यहाँ तक कि लैपटॉप जैसे खर्चों को कवर करते हैं। आइए, जानते हैं कि स्कूल एजुकेशन लोन कैसे मिल सकता है, इसकी शर्तें क्या हैं, और यह माता-पिता की चिंताओं को कैसे कम करता है।

स्कूल फीज़ का बोझ कम करने की पहल

पहले एजुकेशन लोन का मतलब सिर्फ कॉलेज या विदेश में पढ़ाई के लिए होता था, लेकिन अब तस्वी र बदल चुकी है। स्टे ट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे सरकारी बैंक और ICICI, HDFC जैसे निजी बैंक स्कूल फीस के लिए खास लोन स्की म्स लेकर आए हैं।

ये लोन न सिर्फ ट्यूशन फीस, बल्कि किताबें, यूनिफॉर्म, हॉस्टल चार्ज, बोर्डिंग स्कूलों के ट्रै वल खर्च और यहाँ तक कि लैपटॉप जैसे ज़रूरी खर्चों को भी शामिल करते हैं। इनका मकसद उन परिवारों की मदद करना है जो बढ़ती फीस के दबाव में हैं, लेकिन अपने बच्चों के सपनों को साकार करना चाहते हैं।

लोन लेने की प्रक्रिया और शर्तें

हर बैंक की अपनी नीतियाँ होती हैं, लेकिन कुछ ज़रूरी शर्तें हैं जो आपको जाननी चाहिए। लोन लेने वाला माता-पिता या छात्र भारतीय नागरिक होना चाहिए। कुछ बैंक NRI छात्रों को भी लोन देते हैं, बशर्ते उनके पास वैध पासपोर्ट हो। आमतौर पर 3 से 18 साल के बच्चों के लिए लोन उपलब्ध है, हालाँकि कुछ बैंक 16 साल से ज़्यादा उम्र के छात्रों को प्राथमिकता देते हैं।

बच्चे का दाखिला CBSE, ICSE, स्टेट बोर्ड या किसी मान्यता प्राप्त इंटरनेशनल बोर्ड के स्कूल में होना ज़रूरी है। बैंक स्कूल की वैधता को बारीकी से जाँचते हैं। इसके अलावा, माता-पिता या कानूनी अभिभावक, जिनकी नियमित आय हो, को लोन में को-एप्लिकेंट बनना पड़ता है। सरकारी योजनाओं जैसे CSIS के तहत परिवार की सालाना आय 4.5 लाख रुपये से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए, जबकि निजी बैंक 8 लाख तक की आय वालों को लोन दे सकते हैं।

कितना लोन और कैसे मिलेगा?

स्कूल एजुकेशन लोन की राशि आमतौर पर 4 लाख रुपये तक होती है, लेकिन कुछ बैंक 10 लाख तक का लोन भी दे सकते हैं। अच्छी बात यह है कि 4 लाख तक के लोन में कोई प्रॉपर्टी या गारंटी गिरवी रखने की ज़रूरत नहीं पड़ती। अगर लोन 7.5 लाख तक है, तो क्रेडिट गारंटी फंड स्कीम (CGFSEL) के तहत सिक्योरिटी दी जाती है।

लोन के लिए ज़रूरी दस्तावेज़ों में छात्र का आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट साइज़ फोटो, स्कूल में दाखिले का सर्टिफिकेट, को-एप्लिकेंट का आय प्रमाण (ITR या सैलरी स्लिप), बैंक स्टेटमेंट, और स्कूल का फीस स्ट्रक्चर व मान्यता प्रमाणपत्र शामिल हैं। अगर लोन राशि ज़्यादा है, तो प्रॉपर्टी के कागज़ात या अन्य गारंटी के दस्तावेज़ भी देने पड़ सकते हैं।

सरकारी योजनाएँ: ब्याज में राहत

सरकार भी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ चला रही है। पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत मेधावी छात्रों को बिना कुछ गिरवी रखे लोन मिलता है, और 8 लाख तक की सालाना आय वाले परिवारों को 3% ब्याज की छूट मिलती है। सेंट्रल सेक्टर इंटरेस्ट सब्सिडी (CSIS) योजना में 4.5 लाख तक की आय वाले परिवारों को कोर्स की अवधि और एक साल बाद तक ब्याज में राहत मिलती है।

इसके अलावा, विद्या लक्ष्मी पोर्टल एक ऐसा ऑनलाइन मंच है, जहाँ एक ही आवेदन से कई बैंकों में लोन के लिए अप्लाई किया जा सकता है। यह प्रक्रिया को आसान और तेज़ बनाता है।

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