गिरावट के बाद अब रॉकेट की रफ्तार! सोने की कीमतों में आई ज़बरदस्त तेजी, क्या फिर पार होगा 1 लाख का आंकड़ा?

ऑपरेशन सिंदूर के बाद सोने की कीमत में भारी गिरावट देखी गई, जिसका मुख्य कारण अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में कमी आया तनाव है। एमसीएक्स के आंकड़ों के अनुसार, सोने की कीमत 98,161 रुपये से घटकर 96,101 रुपये प्रति दस ग्राम हो गई थी, लेकिन जून के पहले कारोबारी दिन 1,531 रुपये की तेजी के साथ यह 97,406 रुपये तक पहुंची।
गिरावट के बाद अब रॉकेट की रफ्तार! सोने की कीमतों में आई ज़बरदस्त तेजी, क्या फिर पार होगा 1 लाख का आंकड़ा?

Gold Price : पिछले कुछ समय से सोने की कीमतों में हलचल मची हुई है, और निवेशकों के बीच इसकी चर्चा जोरों पर है। हाल ही में शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर ने बाजार में नई उम्मीदें जगाई हैं, जिसके चलते सोने की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली।

इसका सबसे बड़ा कारण है वैश्विक स्तर पर व्यापार तनाव में कमी, खासकर अमेरिका और चीन के बीच चल रही व्यापार वार्ता में सकारात्मक प्रगति। यह वार्ता न केवल अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मददगार साबित हो रही है, बल्कि सोने जैसे कीमती धातुओं की कीमतों पर भी गहरा असर डाल रही है।

पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमतों में करीब 2,000 रुपये प्रति दस ग्राम की कमी आई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) के आंकड़ों के मुताबिक, 6 अप्रैल को सोना 98,161 रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुआ था, लेकिन जून की शुरुआत में यह कीमत 96,101 रुपये तक लुढ़क गई।

हालांकि, जून के पहले कारोबारी दिन बाजार ने एक नया रुख दिखाया। सोने की कीमतों में अचानक तेजी देखने को मिली, और दोपहर तक यह 1,531 रुपये की उछाल के साथ 97,406 रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच गया। इतना ही नहीं, कारोबारी सत्र के दौरान कीमतें और भी तेजी से बढ़ीं, और एक समय यह 97,505 रुपये के उच्चतम स्तर पर जा पहुंची।

यह उतार-चढ़ाव निवेशकों के लिए एक पहेली बन गया है। क्या सोना फिर से एक लाख रुपये के पार पहुंचेगा? यह सवाल हर किसी के मन में है। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और व्यापार वार्ता के परिणामों पर बहुत कुछ निर्भर करता है। कुछ जानकारों का मानना है कि सोने की कीमतों को एक लाख रुपये का आंकड़ा छूने में अभी समय लग सकता है, क्योंकि बाजार में अभी स्थिरता की कमी है।

फिर भी, सोने की चमक हमेशा से निवेशकों को आकर्षित करती रही है, और यह तेजी इस बात का संकेत है कि बाजार में अभी भी संभावनाएं बाकी हैं।

निवेशकों के लिए यह समय सतर्कता और समझदारी से फैसले लेने का है। सोने में निवेश करने से पहले बाजार के रुझानों और वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को ध्यान से समझना जरूरी है। क्या आप भी सोने में निवेश की योजना बना रहे हैं? यह समय हो सकता है विशेषज्ञों की सलाह लेने का और बाजार की गतिविधियों पर नजर रखने का।

Share this story