SBI की इस स्कीम में सिर्फ एक बार निवेश करने पर हर महीने होगी कमाई, जानें कैसे करें निवेश

इस स्कीम पर ब्याज रेट उतना ही होता है जितना कि टर्म डिपॉजिट पर साधारण और बुजुर्गों को मिलता है। SBI के द्वारा हाल ही में एफडी पर मिलने वाली ब्याज दर का इजाफा किया है।
SBI की खास स्कीम, सिर्फ एक बार निवेश करने पर मंथली होगी कमाई, जानें निवेश करने का तरीका

न्यूज डेस्क, दून हॉराइज़न, नई दिल्ली

SBI Annuity Deposit Scheme : अगर आप निवेश करने के लिए एक खास स्कीम की तलाश कर रहे हैं और अच्छा खासा फंड जमा करना चाहते हैं तो एसबीआई की एन्युटी डिपॉजिट स्कीम आपके लिए बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती है।

इस स्कीम में आपको एक बार में कुछ पैसा निवेश करना होता है। फिर आप इस राशि पर प्रिंसिपल राशि का एक हिस्सा और घटते प्रिंसिपल रकम का ब्याज मिलता है।

SBI Annuity Deposit Scheme

अगर इस स्कीम में 120 महीने के लिए निवेश करना चाहते हैं तो कम से कम 1 हजार रुपये की मंथली एनुइटी लेनी होगी, वहीं 15 लाख तक के डिपॉजिट पर प्रीमैच्योर पेमेंट कर सकते हैं। जमा रकम कितना हो सकता है। इस पर कोई लिमिट नहीं है।

जमाकर्ता को कुछ मामलों में एनुइटी के कुल बैलेंस का 75 फीसदी तक का ओवरड्रांफ्ट या लोन लेने की सहुलियत मिलती है। जमाकर्ता के निधन होने की स्थिति में प्रीमैच्योक पेमेंट मिलती है। जिस पर कोई लिमिट नहीं होगी।

कितना मिलता है ब्याज

इस स्कीम पर ब्याज रेट उतना ही होता है जितना कि टर्म डिपॉजिट पर साधारण और बुजुर्गों को मिलता है। SBI के द्वारा हाल ही में एफडी पर मिलने वाली ब्याज दर का इजाफा किया है।

साधारण निवेशकों को 6.1 फीसदी की दर से ब्याज और बुजुर्गों को 6.9 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है। इस स्कीम में चार टेन्योर में पैसा जमा कर सकते हैं तो अलग-अलग टेन्योर पर अलग-अलग ब्याज लागू होगा।

एफडी की एनुइटी डिपॉजिट स्कीम

यहीं नहीं एनुइटी डिपॉजिट स्कीम एफडी से अलग है, एफडी खाते पर जमाकर्ता को एक बार पैसे जमा करना होता है और उसको मैच्योरिटी के बाद प्रिसिंपल और ब्याज मिलता है।

टीडीआर की स्थित में मैच्योरिटी के बाद सिर्फ प्रिसिंपल रकम मिलती है। ब्याज कुछ अंतराल पर मिलता है। वहीं एनुइटी जमा में आपको एक बार पैसा जमा करना होता है और बैंक आपकी तरफ से तय किए गए टेन्योर में आपको बैंक रीपेमेंट करेगा।

इसके साथ में प्रिंसिपल रकम का एक हिस्सा और ब्याज होगा। इसका अर्थ है आपके वन टाइम पेमेंट पर बैंक मंथली आपको ईएमआई देगा। इसमें एक भाग ब्याज का भी होता है। इससे आपका प्रिंसिपल रकम कम होती रहेगी और मैच्योरिटी के समय रकम जीरो हो जाएगी।

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