Silver Price Prediction : सोना नहीं, अब चांदी कराएगी मोटी कमाई! कीमत पहुंचेगी ₹2 लाख के पार? जानें एक्सपर्ट्स की राय

Silver Price Prediction : मशहूर निवेशक Robert Kiyosaki की चांदी की कीमत दोगुनी होने की भविष्यवाणी ने निवेशकों का ध्यान खींचा है। वैश्विक अनिश्चितताओं, औद्योगिक मांग और आपूर्ति की कमी के चलते चांदी की कीमतें 1.09 लाख रुपये प्रति किलो के सर्वकालिक उच्च स्तर पर हैं।
Silver Price Prediction : सोना नहीं, अब चांदी कराएगी मोटी कमाई! कीमत पहुंचेगी ₹2 लाख के पार? जानें एक्सपर्ट्स की राय

Silver Price Prediction : वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच चांदी एक बार फिर निवेशकों की नजरों में चमक रही है। मशहूर लेखक और निवेशक Robert Kiyosaki ने हाल ही में दावा किया है कि चांदी की कीमतें मौजूदा स्तर से दोगुनी हो सकती हैं। उनकी यह भविष्यवाणी सोशल मीडिया पर तहलका मचा रही है।

भारतीय विश्लेषकों का भी मानना है कि चांदी में निवेश न केवल सुरक्षित है, बल्कि यह भविष्य में शानदार रिटर्न भी दे सकता है। आइए, जानते हैं कि क्यों चांदी बन रही है निवेशकों की नई पसंद और क्या हैं इसके पीछे के कारण।

चांदी की बढ़ती मांग 

चांदी की कीमतें इस समय अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 1.09 लाख रुपये प्रति किलो पर हैं। रिलायंस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट Jigar Trivedi का कहना है कि वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितताओं ने सोने और चांदी दोनों की मांग को बढ़ाया है।

लेकिन चांदी की खासियत यह है कि यह सिर्फ एक सुरक्षित निवेश ही नहीं, बल्कि इसकी औद्योगिक मांग भी इसे और आकर्षक बनाती है। इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में चांदी का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। ये दोनों सेक्टर भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं, और चांदी इनके लिए एक अनिवार्य कच्चा माल है।

Jigar Trivedi का अनुमान है कि COMEX सिल्वर की कीमतें जल्द ही 36-37 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं, जबकि भारत में MCX सिल्वर की कीमतें अगले एक महीने में 1.10 लाख रुपये प्रति किलो तक जा सकती हैं। इसके पीछे कमजोर अमेरिकी डॉलर, बढ़ती औद्योगिक मांग और निवेशकों की सुरक्षित निवेश की चाहत जैसे कारक हैं। उनका सुझाव है कि निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में 12-15% चांदी शामिल करनी चाहिए, ताकि 2025 में कीमतों में उछाल का फायदा उठाया जा सके।

ऐतिहासिक उछाल

LKP सिक्योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्ट Jatin Trivedi के अनुसार, चांदी की कीमतों में 2020 के बाद से जबरदस्त बदलाव देखने को मिला है। साल 2011 में चांदी अपने चरम पर 49.50 डॉलर (लगभग 73,000 रुपये) प्रति औंस थी, लेकिन इसके बाद इसमें गिरावट आई।

मार्च 2020 तक चांदी डाउनट्रेंड में थी, लेकिन इसके बाद इसमें शानदार रिकवरी देखने को मिली। पिछले दो सालों में चांदी की कीमतें लगभग 60% बढ़ चुकी हैं। इस साल यह 87,000 रुपये से बढ़कर 1.04 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। Jatin Trivedi का मानना है कि 2025 में चांदी 1.10 लाख से 1.20 लाख रुपये प्रति किलो तक जा सकती है।

रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे भू-राजनीतिक तनाव और सौर ऊर्जा व इलेक्ट्रिक वाहन जैसे क्षेत्रों की बढ़ती मांग ने चांदी की कीमतों को नई ऊंचाइयों की ओर धकेला है। Jatin Trivedi निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे “बाय-ऑन-डिप्स” रणनीति अपनाएं, यानी कीमतों में मामूली गिरावट के दौरान खरीदारी करें। उनका मानना है कि चांदी में अभी और तेजी की संभावना है।

मल्टी-ईयर ब्रेकआउट 

आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के डायरेक्टर Naveen Mathur का कहना है कि चांदी की कीमतों में हाल ही में 13 साल का सबसे बड़ा ब्रेकआउट देखने को मिला है। पिछले हफ्ते की रैली ने इसकी पुष्टि की है। इस तेजी के पीछे सुरक्षित निवेश की मांग, व्यापारिक अनिश्चितताएं और औद्योगिक खरीदारी जैसे कारक हैं।

Naveen Mathur का अनुमान है कि 2025 की दूसरी छमाही में चांदी सोने को पीछे छोड़ सकती है। उनकी भविष्यवाणी के अनुसार, चांदी की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में 38.70 से 41.50 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं, जो भारत में 1.15 लाख से 1.23 लाख रुपये प्रति किलो के बराबर होगी।

चांदी की आपूर्ति पिछले पांच सालों से लगातार कम हो रही है, जिसके चलते मांग और आपूर्ति के बीच असंतुलन पैदा हो रहा है। Naveen Mathur का कहना है कि यह स्थिति चांदी में लंबी अवधि के स्ट्रक्चरल बुल रन की शुरुआत हो सकती है। अगले 3-5 सालों में चांदी की कीमतें 50 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं, जो भारत में 1.50 लाख से 1.70 लाख रुपये प्रति किलो के बराबर होगी।

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