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होम लोन की EMI भरने में हो रही परेशानी? जानिए कितनी बार मिलेगा मौका, फिर क्या होगी कार्रवाई

होम लोन ईएमआई न चुकाने पर बैंक की सख्त कार्रवाई, नीलामी से बचने के उपाय जानें। लोन डिफॉल्ट नियम, ब्याज दर और रीस्ट्रक्चरिंग की पूरी जानकारी।
होम लोन की EMI भरने में हो रही परेशानी? जानिए कितनी बार मिलेगा मौका, फिर क्या होगी कार्रवाई
हाइलाइट्स :
होम लोन ईएमआई न चुकाने पर बैंक सख्ती बरत रहा है। पहली ईएमआई छूटने पर निगरानी शुरू होती है, तो 5 छूटने पर घर की नीलामी तक बात पहुंचती है। नीलामी से बचने के लिए बैंक से संपर्क, लोन रीस्ट्रक्चरिंग और किराए से ईएमआई चुकाने जैसे कदम उठाएं।

होम लोन लेने वालों के लिए बड़ी खबर! अगर आप अपनी होम लोन ईएमआई (Home Loan EMI) का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं, तो बैंक अब सख्त कदम उठाने जा रहा है। हाल ही में जारी अपडेट के मुताबिक, बैंक अब डिफॉल्टर ग्राहकों पर चरणबद्ध तरीके से कार्रवाई करेगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपका सपनों का घर सुरक्षित रहे, आइए जानते हैं कि बैंक क्या कदम उठाता है और इससे बचने के लिए क्या करें।

बैंक की कार्रवाई का पूरा लेखा-जोखा

बैंक आरबीआई दिशानिर्देशों (RBI Guidelines) के तहत पांच चरणों में कार्रवाई करता है। पहली ईएमआई मिस होने पर बैंक इसे हल्के में लेता है, लेकिन आपकी निगरानी शुरू कर देता है। दूसरी ईएमआई (Home Loan EMI Default) छूटने पर आपको रिमाइंडर भेजा जाता है।

अगर लगातार तीसरी ईएमआई नहीं चुकाई जाती, तो बैंक कानूनी नोटिस भेजता है, जिसमें बकाया राशि जमा करने की चेतावनी होती है। चौथे चरण में, अगर 5 ईएमआई (EMI Rule Update) तक भुगतान नहीं होता, तो घर की नीलामी (Auction Notice) का नोटिस जारी होता है। पांचवें चरण में बैंक घर बेचकर अपना पैसा वसूल लेता है।

नीलामी से बचने के आसान उपाय

अगर आप लोन डिफॉल्ट (Loan Default Rules) की स्थिति में हैं, तो घबराएं नहीं। सबसे पहले बैंक से संपर्क करें और अपनी स्थिति स्पष्ट करें। पुराने भुगतान रिकॉर्ड और दस्तावेज दिखाकर भरोसा जीतें। जरूरत पड़े तो निवेश के कागजात गिरवी रखें और बताएं कि 3-6 महीनों में आपकी आय कैसे बढ़ेगी। बैंक से 3 महीने की छूट मांगें और लोन रीस्ट्रक्चरिंग (Loan Restructuring) कराएं। ब्याज दरों (Home Loan Interest Rate) में बदलाव से परेशान हैं? फिक्स्ड रेट चुनें।

किराए से करें ईएमआई की भरपाई

अगर आपके इलाके में अच्छा किराया (EMI Bounce Rule) मिल सकता है, तो घर को किराए पर दें। इससे मिलने वाली रकम से ईएमआई (Loan Reminder) का कुछ हिस्सा चुकाएं। नीलामी में घर सस्ते में बिकने से बेहतर है कि आप खुद बैंक की सहमति से इसे बेचें। इससे आपको अच्छी कीमत मिलेगी और बकाया लोन चुकाने में मदद होगी।

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