6 जून को होगा बड़ा ऐलान! RBI फिर घटा सकता है ब्याज दरें, आपकी EMI पर पड़ेगा इसका सीधा असर

RBI News : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस साल ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कटौती कर लाखों भारतीयों के लिए होम लोन और अन्य रिटेल लोन की मासिक किस्त (EMI) को कम करने का रास्ता खोला है। लेकिन सवाल यह है कि क्या आपके बैंक ने आपको इस राहत का लाभ पहुंचाया?
बुधवार, 4 जून 2025 से शुरू हो रही RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की तीसरी बैठक में इस मुद्दे पर गहन चर्चा होने की उम्मीद है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि RBI की ब्याज दरों में कटौती का असर, बैंकों की प्रतिक्रिया और आम लोगों के लिए इसका क्या मतलब है।
ब्याज दरों में कटौती: कितना फायदा पहुंचा?
RBI ने इस साल फरवरी और अप्रैल में रेपो रेट में 0.25-0.25 फीसदी की कटौती की, जिसके बाद कुल 0.50 फीसदी की कमी दर्ज की गई। इसका सीधा असर होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरों पर पड़ना चाहिए था। उदाहरण के लिए, अगर किसी ने जनवरी 2025 में 50 लाख रुपये का होम लोन 9.50 फीसदी ब्याज दर पर 15 साल के लिए लिया था, तो उनकी EMI 52,211 रुपये थी।
RBI की कटौती के बाद ब्याज दर 9 फीसदी होने पर EMI घटकर 50,713 रुपये हो जानी चाहिए, यानी प्रति माह 1,498 रुपये की बचत। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि 90 फीसदी से ज्यादा बैंक इस राहत को ग्राहकों तक नहीं पहुंचा रहे हैं।
बैंकों का रुख: कौन दे रहा है राहत?
कई बड़े बैंकों ने RBI की नीति के अनुरूप अपनी ब्याज दरों में मामूली बदलाव किए हैं। आइए, एक नजर डालते हैं कि प्रमुख बैंकों ने क्या कदम उठाए:
- भारतीय स्टेट बैंक (SBI): देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक SBI ने अपनी बाहरी बेंचमार्क आधारित उधार दर (EBLR) को 8.65 फीसदी से घटाकर 8.25 फीसदी + क्रेडिट रिस्क प्रीमियम (CRP) कर दिया है। यह बदलाव 15 अप्रैल 2025 से लागू हुआ।
- बैंक ऑफ महाराष्ट्र: इस सरकारी बैंक ने रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) को 9.05 फीसदी से घटाकर 8.80 फीसदी किया।
- एचडीएफसी बैंक: निजी क्षेत्र के इस दिग्गज ने फरवरी से अब तक 0.50 फीसदी की कटौती की है। वेतनभोगी और स्व-नियोजित ग्राहकों के लिए होम लोन की ब्याज दरें अब 8.50 फीसदी से 9.35 फीसदी के बीच हैं।
- इंडियन ओवरसीज बैंक: इस बैंक ने अपनी RLLR को 9.10 फीसदी से 8.85 फीसदी तक कम किया।
- पंजाब नेशनल बैंक (PNB): PNB ने भी 0.25 फीसदी की कटौती के साथ RLLR को 8.90 फीसदी से 8.65 फीसदी किया।
- इंडियन बैंक और बैंक ऑफ इंडिया: दोनों ने अपनी RLLR को क्रमशः 8.7 फीसदी और 8.85 फीसदी तक घटाया।
हालांकि, एचडीएफसी बैंक को छोड़कर अधिकतर बैंकों ने केवल 0.25 फीसदी की कटौती की, जबकि RBI की कुल कटौती 0.50 फीसदी थी। इसका मतलब है कि ग्राहकों को वह पूरी राहत नहीं मिल रही, जिसकी उन्हें उम्मीद थी।
SBI की रिपोर्ट: और कटौती की उम्मीद
SBI की एक हालिया शोध रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 6 जून 2025 को होने वाली MPC बैठक में RBI रेपो रेट में 0.50 फीसदी की और कटौती कर सकता है। यह कदम ऋण चक्र को गति देने और आर्थिक अनिश्चितताओं से निपटने के लिए उठाया जा सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसी कटौती से बैंकों के 60.2 फीसदी लोन, जो EBLR से जुड़े हैं, और सस्ते हो सकते हैं। अगर ऐसा हुआ, तो 50 लाख रुपये के होम लोन की EMI में 1,476 रुपये की और कमी आ सकती है, जिससे कुल बचत 2,974 रुपये तक पहुंच सकती है।
MPC की बैठक: क्या बदलेगा?
4 जून से शुरू हो रही RBI की MPC बैठक में गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति ब्याज दरों और नीतिगत रुख पर फैसला लेगी। अप्रैल में RBI ने अपने रुख को तटस्थ से उदार किया था, जिससे ब्याज दरों में और कटौती की संभावना बढ़ी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार 0.25 से 0.50 फीसदी की कटौती हो सकती है। इस फैसले का ऐलान 6 जून को होगा, जिसका लाखों लोन धारकों पर सीधा असर पड़ेगा।
आम लोगों के लिए इसका मतलब
RBI की ब्याज दरों में कटौती का मकसद आम लोगों की जेब पर बोझ कम करना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। लेकिन बैंकों की सुस्त प्रतिक्रिया से यह राहत अधूरी रह गई है। अगर आपने हाल में लोन लिया है, तो अपने बैंक से पूछें कि क्या आपको नई ब्याज दरों का लाभ मिल रहा है। साथ ही, 6 जून की घोषणा पर नजर रखें, क्योंकि यह आपके लोन की EMI को और कम कर सकती है।