सब्जियां हुईं सस्ती, लेकिन तेल और पैकेज्ड ड्रिंक्स ने बढ़ाया बजट का बोझ - जानें किन चीजों की कीमतों में आया उछाल

लगभग तीन महीनों से शांत पड़ी महंगाई का जिन्न एक बार फिर से हिलोरें मारता नजर आ रहा है। फरवरी 2025 के थोक महंगाई दर (Wholesale Price Index - WPI) के ताजा सरकारी आंकड़े सामने आ चुके हैं, और इसमें फिर से बढ़ोतरी देखने को मिली है।
इस बार फरवरी में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर थोड़ी बढ़कर 2.38 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इससे पहले जनवरी में यह दर 2.31 प्रतिशत थी। पिछले तीन महीनों तक इसमें लगातार कमी देखी गई थी, लेकिन अब फरवरी में मामूली उछाल ने लोगों का ध्यान खींचा है।
इस बढ़ोतरी के पीछे क्या कारण हैं? विशेषज्ञों के मुताबिक, सब्जियों, वनस्पति तेल और पैकेज्ड ड्रिंक्स की कीमतों में आई तेजी इसकी बड़ी वजह रही है। अगर पिछले साल फरवरी के आंकड़ों पर नजर डालें, तो उस वक्त थोक महंगाई दर सिर्फ 0.2 प्रतिशत थी, जो अब के मुकाबले काफी कम थी।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि फरवरी 2025 में महंगाई दर में इजाफे का कारण खाद्य उत्पादों, गैर-खाद्य वस्तुओं, कपड़ा और अन्य निर्मित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि है। इस दौरान मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स इंडेक्स में भी 0.42 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
आंकड़ों की गहराई में जाएं तो मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई दर 11.06 प्रतिशत तक पहुंच गई है। वनस्पति तेल की कीमतों में 33.59 प्रतिशत का उछाल आया, वहीं पैकेज्ड ड्रिंक्स की महंगाई दर 1.66 प्रतिशत बढ़ी। हालांकि, सब्जियों की कीमतों में कुछ राहत देखी गई है।
मिसाल के तौर पर, आलू की थोक महंगाई दर जो जनवरी में 74.28 प्रतिशत थी, वह फरवरी में घटकर 27.54 प्रतिशत पर आ गई। फिर भी, इसका मतलब यह नहीं कि आलू सस्ता हो गया है, बस उसकी कीमतें पहले जितनी तेजी से नहीं बढ़ीं। इसी तरह दूध की महंगाई दर 5.40 प्रतिशत से घटकर 1.58 प्रतिशत पर आ गई, लेकिन फल और प्याज की कीमतों में क्रमशः 20 प्रतिशत और 48.05 प्रतिशत की बढ़ोतरी ने चिंता बढ़ा दी है।
पेट्रोल, डीजल, गैस और बिजली की बात करें तो इनकी महंगाई दर में कमी आई है। फरवरी में यह 0.71 प्रतिशत रही, जबकि जनवरी में इसमें 2.78 प्रतिशत की गिरावट देखी गई थी। इक्रा के सीनियर इकोनॉमिस्ट राहुल अग्रवाल का कहना है कि आने वाले दिनों में अच्छी फसल और ऊंचे आधार प्रभाव से थोक खाद्य महंगाई में कमी आ सकती है।
हालांकि, उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि सामान्य से ज्यादा तापमान खाद्य महंगाई को फिर से बढ़ाने का जोखिम पैदा कर सकता है। ऐसे में बाजार पर नजर रखना जरूरी हो गया है।