एक साल बाद भी Neha को नहीं मिला न्याय! पिता ने जो कहा, सुनकर आप भी सोच में पड़ जाएंगे

Hubli Murder Case : 18 अप्रैल 2024 को कर्नाटक के हुब्बली शहर में एक ऐसी घटना घटी, जिसने पूरे राज्य को झकझोर दिया। बीवीबी कॉलेज परिसर में 23 वर्षीय नेहा हिरेमठ की दिनदहाड़े चाकू मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड ने न केवल नेहा के परिवार को तोड़ा, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल भी खड़े किए।
इस मामले ने तब और तूल पकड़ा, जब हत्या का आरोप नेहा के दोस्त फैयाज खोंडुनाइक पर लगा। उस समय लोकसभा चुनाव नजदीक थे, जिसके चलते यह मामला राजनीतिक रंग में रंग गया। नेताओं की भीड़ नेहा के परिवार से मिलने पहुंची, वादे किए गए, और सरकार ने 120 दिनों में न्याय का भरोसा दिलाया। लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी न तो स्पेशल कोर्ट बना, न ही सुनवाई शुरू हुई।
परिवार का टूटा भरोसा
नेहा के पिता निरंजनय्या हिरेमठ, जो कांग्रेस के पार्षद हैं, अब सरकार से पूरी तरह निराश हैं। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और गृहमंत्री परमेश्वर ने बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन एक साल बाद भी कुछ नहीं हुआ। अगर समय पर न्याय मिला होता, तो शायद आज महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी आती।" निरंजनय्या का यह दर्द उस व्यवस्था पर सवाल उठाता है, जो वादों तक तो सीमित है, लेकिन हकीकत में बदलाव लाने में नाकाम रही।
न्याय की राह में देरी क्यों?
जुलाई 2024 में सीआईडी ने इस मामले में 483 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। यह केस हुब्बली की प्रथम अतिरिक्त जिला सत्र अदालत में लंबित है, लेकिन अभी तक ट्रायल शुरू नहीं हुआ। कानून मंत्री एच.के. पाटिल ने देरी का कारण हाईकोर्ट से मंजूरी न मिलना बताया। उन्होंने कहा कि सरकार एक सप्ताह में फिर से आवेदन करेगी।
लेकिन यह जवाब नेहा के परिवार और समाज के लिए पर्याप्त नहीं है। हुब्बली-धारवाड़ सेंट्रल के विधायक महेश तेंगिनकाई ने भी चिंता जताई। उनका कहना है कि अगर समय पर न्याय मिला होता, तो हाल ही में एक पांच साल की बच्ची की हत्या जैसी घटनाएं शायद टल सकती थीं। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए स्पेशल कोर्ट की मांग दोहराई।
आरोपी की स्थिति और कानूनी प्रक्रिया
इस मामले का आरोपी फैयाज खोंडुनाइक पिछले एक साल से धारवाड़ सेंट्रल जेल में बंद है। उसकी ओर से वकीलों ने कर्नाटक हाईकोर्ट की धारवाड़ बेंच में याचिका दाखिल कर केस को बेलगावी स्थानांतरित करने की मांग की है। उनका दावा है कि हुब्बली में फैयाज को खतरा है और कोई वकील उसका केस लेने को तैयार नहीं है। अब तालुक लीगल सर्विस अथॉरिटी ने फैयाज की पैरवी करने का फैसला लिया है। दूसरी ओर, सरकार ने इस केस को संभालने के लिए स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर महेश वैद्य को नियुक्त किया है।