Heart Health : थिक हार्ट सिंड्रोम के लक्षणों को न करें नजरअंदाज, समय रहते जानें इलाज

Heart Health : हमारे शरीर का सबसे नाजुक और जरूरी अंग है दिल। यही वह अंग है जो हर वक्त बिना थके पूरे शरीर में रक्त को पंप करता है। दिल की यह मेहनत ही हमारे शरीर को ऑक्सीजन और ज़रूरी पोषक तत्व पहुंचाती है।
लेकिन जब हम अपनी दिनचर्या या आदतों में लापरवाही बरतते हैं, तो दिल धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है। ऐसी ही एक गंभीर स्थिति है थिक हार्ट सिंड्रोम, जिसे हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (HCM) भी कहा जाता है।
क्या है थिक हार्ट सिंड्रोम?
थिक हार्ट सिंड्रोम को मेडिकल भाषा में Left Ventricular Hypertrophy (LVH) के नाम से जाना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें दिल की मांसपेशियां मोटी होने लगती हैं।
दिल का मुख्य चैम्बर यानी लेफ्ट वेंट्रिकल जब जरूरत से ज़्यादा मोटा हो जाता है, तो यह खून को पंप करने में कठिनाई महसूस करता है। इससे व्यक्ति को थकान, सांस फूलना और यहां तक कि अचानक दिल का दौरा भी पड़ सकता है।
क्यों होता है यह खतरनाक सिंड्रोम?
यह एक आनुवंशिक रोग हो सकता है यानी अगर आपके परिवार में किसी को यह बीमारी रही है, तो आपको भी इसका खतरा हो सकता है। इसके अलावा उम्र, पुरुषों में हार्मोनल बदलाव, हाई ब्लड प्रेशर, और लंबे समय तक चलने वाली दवाइयों के कारण भी यह बीमारी पनप सकती है।
कई बार यह बिना किसी लक्षण के धीरे-धीरे विकसित होता है, इसलिए इसे 'साइलेंट किलर' भी कहा जाता है।
थिक हार्ट सिंड्रोम के संभावित लक्षण
इस बीमारी के लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं, लेकिन अगर इनका ध्यान समय पर न दिया जाए तो स्थिति गंभीर हो सकती है। इसके कुछ सामान्य लक्षण हैं:
- छाती में अचानक दर्द या दबाव
- हल्की शारीरिक मेहनत पर भी थकावट
- दिल की अनियमित धड़कनें
- बार-बार सांस फूलना
- अचानक चक्कर आना या बेहोशी
क्या थिक हार्ट सिंड्रोम से बचा जा सकता है?
बिलकुल! अगर समय रहते इस बीमारी को पहचान लिया जाए, तो लाइफस्टाइल में बदलाव करके इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आप इन बातों का ध्यान रखें:
- धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं
- रोजाना हल्का-फुल्का व्यायाम करें
- तनाव से बचने के लिए ध्यान और योग करें
- नींद का सही समय सुनिश्चित करें
- किसी भी दवा का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें
- हर 6 महीने में दिल की जांच (ECG/इको) जरूर कराएं
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
अगर आपको बार-बार छाती में दर्द या सांस लेने में परेशानी हो रही है, तो तुरंत किसी कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करें। वक्त रहते जांच और इलाज ही इस गंभीर बीमारी से बचने का एकमात्र तरीका है।