जब आपका इम्यून सिस्टम होता है कमजोर तो शरीर में दिखते हैं ये 5 संकेत, न करें इन्हे नज़रअंदाज़

अगर आपके शरीर पर अक्सर छाले या चोट के निशान हो जाते हैं और उन्हें ठीक होने में समय लगता है तो समझ जाइए कि आपका इम्यून सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा है। 
जब आपका इम्यून सिस्टम होता है कमजोर तो शरीर में दिखते हैं ये 5 संकेत, न करें इन्हे नज़रअंदाज़  

कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के लक्षण : लाखों-करोड़ों सूक्ष्मजीव हैं जो भोजन और पानी के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं और हमें बीमार करने की कोशिश करते हैं। लेकिन हर बार ऐसा संभव नहीं हो पाता क्योंकि शरीर का इम्यून सिस्टम इस तरह के बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है।

लेकिन जब किसी वजह से इम्यून सिस्टम ठीक से काम नहीं करता है तो अक्सर बीमारियां होने लगती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे शरीर में प्रवेश करने वाले बैक्टीरिया या वायरस हमारे शरीर को कमजोर करने लगते हैं।

जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है तो कुछ लक्षण नजर आते हैं। इस संकेत को समय रहते जान लेने और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।

तो आइए हम आपको बताते हैं कि ऐसे कौन से संकेत हैं जो बताते हैं कि आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो गया है और इसे बेहतर करने के लिए क्या किया जा सकता है।

पेट की ख़राबी

अगर आपको बार-बार पेट खराब या पाचन संबंधी समस्या होती है तो समझ लीजिए कि आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो रहा है। 

घाव जल्दी नहीं भरते

अगर आपके शरीर पर अक्सर छाले या चोट के निशान हो जाते हैं और उन्हें ठीक होने में समय लगता है तो समझ जाइए कि आपका इम्यून सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा है। 

हमेशा तनाव में रहना

अगर आपको शत्रुतापूर्ण वातावरण में बात करने और घबराने की चिंता होने लगती है, तो यह कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली का लक्षण भी हो सकता है। ऐसे में लापरवाही न करें।

बार-बार सर्दी खांसी होना

सर्दी खांसी जैसी सभी समस्याएं पर्यावरण या वायरल इंफेक्शन की वजह से नहीं होती हैं। ऐसी समस्या तब हो सकती है जब इम्यून सिस्टम कमजोर हो। इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर कान से फ्लूइड भी निकलता है, ऐसे में समय रहते अलर्ट हो जाना चाहिए 

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय

अगर आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है तो इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें। साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय करें। उसके लिए नियमित रूप से सात से आठ घंटे की नींद लें। स्वस्थ आहार, दैनिक योग या टहलने, ध्यान और प्राणायाम का पालन करने से भी मदद मिल सकती है।

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