Thyroid Symptoms : थायराइड का दर्द शरीर के इन हिस्सों में भी देता है चेतावनी, नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी

Thyroid Symptoms : थायरॉयड दर्द केवल गले तक सीमित नहीं रहता, बल्कि कई बार शरीर के अन्य हिस्सों में भी दर्द-पीड़ा या असुविधा के रूप में महसूस होता है
। ऐसे में अगर आप सिर्फ गले में किसी बदलाव की अपेक्षा करते रह गए, तो शायद मुख्य लक्षणों को नज़रअंदाज़ कर दें। आइए सफेद-सी-सी बतातें हैं कि शरीर के कौन-कौन से हिस्सों में थायरॉयड की परेशानी झलक सकती है।
गर्दन से आगे बढ़ता हुआ दर्द
गले के अगल-बगल वाले हिस्से में भारीपन, कसाव या हल्की से भी तीव्र झनक होती है। कभी-कभी आवाज भी खराश सी लगने लगती है। बच्चे थकान की शिकायत भी कर सकते हैं।
चेहरे और जोड़ों में सूजन
थायरॉयड असंतुलन का असर चेहरे की संरचना पर भी पड़ता है। आँखों के आसपास सूजन, ब्लड सर्कुलेशन में बदलाव से साँस लेने में अटपटापन, और जोड़ों का अकड़ना जैसे लक्षण अक्सर जुड़े रहते हैं।
मांसपेशियों और जोड़ों में मरोड़
शरीर के विभिन्न हिस्सों—जैसे कंधों, कमर, हिप्स या हाथों—में दर्द और कठोरता महसूस होती है। कभी-कभी सुबह उठते समय शरीर से आवाजें आने लगती हैं या किसी जोड़ पर दबाव पड़ते ही तीव्र झटका सा देखने को मिलता है।
सिर में भारीपन और मोर्टिस्टटाइलिटी
गले की थकावट से सिर भी भारी महसूस होता है। सहमति होती है थोड़े समय में बार-बार की नींद, थकावट, और मोटरसाइकिल या साइकिल चलाते वक्त संतुलन में कमी आती है।
त्वचा तथा बालों पर असर
थायरॉयड की समस्या से त्वचा सूख जाती है, रूखी या शर्मनाक होती जाती है। बाल झड़ने की शिकायत भी आम हो जाती है, खासकर चेहरा, आइब्रो या स्कैल्प के आसपास।
खुद का ध्यान क्यों ज़रूरी है?
इन भावनात्मक और शारीरिक संकेतों को नजरअंदाज कर देना काफी खतरनाक हो सकता है—क्योंकि थायरॉयड एक ऑटोइम्यून रोग है।
इससे कालांतर में अधिक गंभीर बीमारियाँ, जैसे डायबिटीज़, गठिया या अवसाद की शुरुआत भी हो सकती है।
कब समझें कि डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है
अगर आपको लगातार निम्न में से कोई भी लक्षण हो: गले में बेचैनी, चेहरे या जोड़ों में सूजन, मांसपेशियों का दुखना, त्वचा तथा बालों में बदलाव—तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।
यह किसी साधारण दर्द की तरह नहीं, बल्कि थायरॉयड की संवेदनशील चेतावनी है।
सामान्य उपाय घर पर
- नियमित रूप से गर्म पानी से गरारे करें
- हल्दी, अदरक, तुलसी का शहद चाय के रूप में लें
- अच्छे प्रोटीन, विटामिन D और आयोडीन वाले आहार शामिल करें
- पर्याप्त नींद लें और स्ट्रेस को नियंत्रित रखें