Uric Acid Symptoms : अगर यूरिक एसिड कर रहा है परेशान, तो अपनाएं ये देसी आयुर्वेदिक टिप्स

Uric Acid Symptoms : आजकल यूरिक एसिड की समस्या तेजी से बढ़ रही है। दरअसल इसकी जड़ सिर्फ खाना नहीं—ज़िन्दगी की लय भी मायने रखती है। खराब मेटाबॉलिज्म, नींद व खाने का अनियमित समय, कम पानी पीना और बॉडी मूवमेंट की कमी—ये सब मिलकर यूरिक एसिड को आसमान पर ले जाते हैं।
गुर्दे की हल्की कमजोरी भी इसमें बड़ी भूमिका निभाती है। इससे जोड़‑हड्डियों और किडनी पर बुरा असर हो सकता है।
ज़िन्दगी को थोड़ी सी “हरकत” दें
सबसे पहला कदम है अपनी दिनचर्या में संतुलन लाना। हर दिन कम से कम 45 मिनट हल्की-फुल्की एक्सरसाइज़ करें—चाहे वॉक हो या योग—ये मेटाबॉलिज्म को जगाएगा।
साथ में हाइड्रेशन का ध्यान रखें। कम पानी पीने से बॉडी में यूरिक क्रिस्टल जम सकते हैं, जिससे दर्द और सूजन हो सकती है।
रात को खाना हल्का और समय से खाएं
दाल, बीन्स या गेहूं का भारी डिनर यूरिक एसिड को उत्तेजित कर सकता है। बेहतर है कि रात 8 बजे से पहले हल्का खाना खा लें। खट्टे फल जैसे आंवला और जामुन को अपनी डाइट में शामिल करें—ये एसिड बैलेंस में मदद करते हैं।
अच्छा होगा अगर मेटाबॉलिज्म सुधारने वाले आयुर्वेदिक टिप्स अपना सकें—जैसे गीला गिलोय या तुलसी का काढ़ा।
तनाव और नींद का असर
ज्यादा तनाव लेना और अनियमित नींद पैटर्न मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देते हैं। इसके चलते यूरिक एसिड बढ़ सकता है। इ
सलिए स्ट्रेस मैनेजमेंट, मेडिटेशन या गहरी शांत नींद को अपनी दिनचर्या में शामिल करना बेहद जरूरी है।
गिलोय: आयुर्वेद का सुपरहिरो
गिलोय (गुडुची) एक जादुई जड़ी-बूट है जो कि विशेष रूप से गठिया और यूरिक एसिड की समस्या में मददगार माना जाता है।
आप घर पर ताजी पत्तियों और डंठल को रात भर पानी में भिगोकर, सुबह उबालकर आधा कर लें और पी लें। इससे आपको गिलोय की शुद्ध ऊर्जा मिलती है। चाहें तो गिलोय पाउडर भी नियमित रूप से ले सकते हैं।
छोटे-छोटे स्टेप्स—जैसे समय पर खाना-पीना, एक्सरसाइज़, हाइड्रेशन, तनाव से दूरी और गिलोय जैसी आयुर्वेदिक जड़ी—ये सब मिलकर यूरिक एसिड को नियंत्रण में रख सकते हैं। खुद को समझें, शरीर की सुनें और डॉक्टर से सलाह लेते रहें।