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लोकसभा चुनावः राज्यसभा सांसदों का ज्यादा उपयोग करेगी BJP, सौंपी ये जिम्मेदारी

इन नेताओं को संगठनात्मक दायित्वों के साथ चुनाव क्षेत्रों के प्रबंधन की जिम्मेदारी भी दी जाएगी। पार्टी नेतृत्व ने हाल में राज्यसभा सांसद आधा दर्जन प्रमुख नेताओं को राज्यों के संगठन प्रभारियों  का दायित्व सौंपा है।
लोकसभा चुनावः राज्यसभा सांसदों का ज्यादा उपयोग करेगी BJP, सौंपी ये जिम्मेदारी

नई दिल्ली। भाजपा (BJP) नेतृत्व आगामी लोकसभा चुनाव (upcoming Lok Sabha elections) की तैयारियों में अपने राज्यसभा के प्रमुख नेताओं (Prominent leaders of Rajya Sabha) का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करेगी।

इन नेताओं को संगठनात्मक दायित्वों के साथ चुनाव क्षेत्रों के प्रबंधन की जिम्मेदारी भी दी जाएगी। पार्टी नेतृत्व ने हाल में राज्यसभा सांसद (Rajya Sabha MP) आधा दर्जन प्रमुख नेताओं को राज्यों के संगठन प्रभारियों (State Organization In-charges) का दायित्व सौंपा है।

भाजपा नेतृत्व पहले भी अपनी चुनावी रणनीति में चुनाव प्रबंधन, प्रचार, प्रसार आदि से जुड़ी गतिविधियों में राज्यसभा सांसदों को बड़े पैमाने पर जोड़ती रही है। अब जबकि पार्टी के पास 90 से ज्यादा राज्यसभा सांसद हैं तब इन नेताओं को विभिन्न संगठन एवं चुनावी प्रबंधन का काम दिया जा रहा है।

दरअसल, इन नेताओं पर अपने संसदीय क्षेत्र की भी जिम्मेदारी नहीं होती है और चुनाव लड़ने का तनाव भी नहीं, ऐसे में वह ज्यादा समय दे सकते हैं। हालांकि, लोकसभा सांसद प्रमुख नेताओं को भी संगठन और चुनाव प्रबंधन में जोड़ा जाएगा। चूंकि वह खुद चुनाव मैदान में उतरेंगे, इसलिए उन पर बोझ कम करने के लिए राज्यसभा सांसदों का ज्यादा उपयोग किया जाएगा।

पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने एक दिन पहले लगभग एक दर्जन राज्यों के लिए संगठन प्रभारियों, सह प्रभारियों और समन्वयकों की नियुक्ति में भी राज्यसभा सांसदों को मौका दिया है। इससे साफ संकेत हैं कि राज्यसभा सांसद बनने के बाद केवल संसद सत्र के दौरान जिम्मेदारी निभाने के अलावा भी पार्टी के विभिन्न कार्यों में जुड़ना जरूरी होगा।

जिन नेताओं को हाल में संगठन का दायित्व सौंपा गया है उनमें लक्ष्मीकांत वाजपेयी, राधा मोहन अग्रवाल भी शामिल हैं। इसके अलावा त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर राज्यसभा उम्मीदवार बने विष्णु देव को भी प्रभारी नियुक्त किया गया है।

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