क्या मुस्लिम समाज को गुमराह कर रहे हैं कुछ नेता? अनुप्रिया पटेल ने किया बड़ा खुलासा!

अनुप्रिया पटेल ने शाहजहांपुर में वक्फ कानून का समर्थन करते हुए मुस्लिम समुदाय को अफवाहों से सावधान रहने को कहा। बाबा साहब की जयंती पर शुरू हुए सदस्यता अभियान के जरिए सामाजिक न्याय और बराबरी को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। यह अभियान सोनेलाल पटेल की जयंती तक चलेगा।
क्या मुस्लिम समाज को गुमराह कर रहे हैं कुछ नेता? अनुप्रिया पटेल ने किया बड़ा खुलासा!

Waqf Law : शाहजहांपुर की धरती पर हाल ही में अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने एक नई ऊर्जा के साथ अपनी बात रखी। वक्फ कानून को लेकर चल रही चर्चाओं और विवादों के बीच उन्होंने न केवल मुस्लिम समुदाय को सतर्क किया, बल्कि सामाजिक न्याय और बाबा साहब अंबेडकर के विचारों को भी केंद्र में लाया। यह अवसर था उनकी पार्टी के सदस्यता अभियान की शुरुआत का, जो सामाजिक समावेश और जागरूकता का संदेश लेकर आया।

वक्फ कानून 

अनुप्रिया पटेल ने शाहजहांपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए वक्फ कानून पर अपनी राय स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के हितों की रक्षा के लिए बनाया गया है। कुछ लोग इस कानून के खिलाफ भ्रामक प्रचार कर रहे हैं, जिसका मकसद सिर्फ राजनीतिक लाभ उठाना और समाज में भ्रम फैलाना है।

उन्होंने मुस्लिम भाइयों-बहनों से अपील की कि वे ऐसी अफवाहों से सावधान रहें। उनके शब्दों में, "यह कानून आपके अधिकारों को मजबूत करता है, न कि कमजोर।" अनुप्रिया ने जोर देकर कहा कि समाज को एकजुट रहने की जरूरत है ताकि ऐसी भ्रांतियों का जवाब सच के साथ दिया जा सके।

बाबा साहब की जयंती पर नई शुरुआत

इस मौके पर अनुप्रिया ने बाबा साहब अंबेडकर की जयंती को याद करते हुए उनकी विरासत को सलाम किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने सिर्फ संविधान ही नहीं दिया, बल्कि समाज के हर वर्ग को बराबरी का हक दिलाने का रास्ता भी दिखाया। "उनके विचार आज भी 142 करोड़ भारतीयों के दिलों में प्रेरणा का दीपक जलाते हैं," उन्होंने भावुक अंदाज में कहा। इस प्रेरणा को आगे बढ़ाने के लिए अपनी पार्टी ने बाबा साहब की जयंती पर सदस्यता अभियान शुरू किया, जो सोनेलाल पटेल की जयंती तक चलेगा। यह अभियान न केवल पार्टी को मजबूत करेगा, बल्कि समाज के हर तबके को जोड़ने का काम भी करेगा।

सामाजिक न्याय की अलख जगाने का संकल्प

अनुप्रिया पटेल ने सामाजिक न्याय को अपनी पार्टी का मूलमंत्र बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका संगठन दबे-कुचले और शोषित वर्गों के हक के लिए हमेशा आवाज उठाता रहेगा। "हमारा लक्ष्य बाबा साहब और सोनेलाल जी के सपनों को साकार करना है," उन्होंने कहा। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी की नीति पर जोर देते हुए कहा कि अपराधिक छवि वाले लोगों को संगठन में जगह नहीं दी जाएगी। महिलाओं के अधिकारों और समानता की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि समाज में बदलाव तभी संभव है जब हर व्यक्ति को उसका हक मिले।

सदस्यता अभियान 

शाहजहांपुर में शुरू हुआ यह सदस्यता अभियान केवल एक औपचारिक शुरुआत नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और जागरूकता का प्रतीक है। इस मौके पर यूपी सरकार के मंत्री आशीष पटेल भी मौजूद थे, जिन्होंने अनुप्रिया के साथ मिलकर कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया। अनुप्रिया ने कहा कि यह अभियान समाज के हर कोने तक पहुंचेगा और लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करेगा। "हमारा मकसद सिर्फ पार्टी को बड़ा करना नहीं, बल्कि समाज को मजबूत करना है," उन्होंने जोड़ा।

एक नया दृष्टिकोण, एक नई दिशा

अनुप्रिया पटेल ने इस सभा में न तो किसी राजनीतिक विरोधी पर निशाना साधा और न ही अनावश्यक विवादों में उलझने की कोशिश की। जब उनसे अखिलेश यादव के बयानों पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने साफ कहा, "मैं दूसरों की बातों पर ध्यान नहीं देती, हमारा फोकस समाज हित पर है।" यह बयान उनके सकारात्मक और रचनात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है। उनकी बातों में एक साफ संदेश था कि समाज को बांटने वाली ताकतों से ऊपर उठकर हमें एकजुट होकर काम करना होगा।

शाहजहांपुर की इस सभा ने न केवल वक्फ कानून पर चल रही बहस को एक नया आयाम दिया, बल्कि सामाजिक न्याय और बराबरी के लिए एक मजबूत संदेश भी दिया। अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व में अपना दल (एस) नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है, और यह अभियान समाज के हर वर्ग को जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।

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