इस सुरंग में है भूत का साया! बाइकर्स को रोककर लेता है लिफ्ट, फिर होता है ये...

ब्रिटेन की न्यूज वेबसाइट मेट्रो में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी लंदन में ब्लैकवॉल टनल है, जोकि ड्राइवरों को टेम्स नदी के नीचे ले जाती है। आज से 50 साल पहले 1970 के दशक में इस सुरंग के बारे में कई कहानियां चर्चित हुई थीं।
इस सुरंग में है भूत का साया! बाइकर्स को रोककर लेता है लिफ्ट, फिर होता है ये...

आपने अतीत में भूतों की कई कहानियां सुनी होंगी। कई लोग मानते हैं कि भूत असल में होते हैं तो कई लोग इसके होने से इनकार करते हैं। इसी तरह से लंदन की एक सुरंग है, जहां पर माना जाता था कि वहां एक भूत रहता था। यह भूत उस सुरंग से गुजरने वाले बाइकर्स की तलाश में रहता था और उनसे लिफ्ट भी लेता था। बाद में जब सुरंग खत्म हो जाती थी, तब वह बाइक से उतरकर गायब हो जाता।

ब्रिटेन की न्यूज वेबसाइट मेट्रो में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी लंदन में ब्लैकवॉल टनल है, जोकि ड्राइवरों को टेम्स नदी के नीचे ले जाती है। आज से 50 साल पहले 1970 के दशक में इस सुरंग के बारे में कई कहानियां चर्चित हुई थीं। पॉडकास्टर आइसी सेडविक के अनुसार, एक बाइकर ने दावा किया था कि वहां उसे एक भूत मिला था और वह भूत कारों से गुजरने वालों के बजाए बाइक से गुजरने वालों को निशाना बनाता था।

बाइकर युवक ने दावा किया था कि सुरंग की शुरुआत में जब वह पहुंचा तो वह उसकी बाइक पर सवार हो गया और फिर जब सुरंग खत्म हुई तो बाइकर ने देखा तो यात्री गायब हो चुका था। 'भूत' ने बाइकर को एक पता दिया था, जिसके बाद युवक ने वहां जाने का फैसला किया। उसे उस घर में एक महिला मिली और उसने बताया कि कुछ साल पहले एक लड़के की बाइक हादसे में जान चली गई थी।

इस सुरंग को आधिकारिक तौर पर 22 मई, 1897 को खोला गया था और उसके निर्माण पर £1,400,000 की लागत आई थी। जब इसे खोला गया, तो यह 6,200 फीट की गहराई पर दुनिया की सबसे लंबी पानी के नीचे की सुरंग थी। यह सुरंग टॉवर हैमलेट्स और ग्रीनविच को जोड़ती है, और यह A102 का हिस्सा है। साल 1967 में भीड़भाड़ को कम करने में मदद के लिए एक दूसरी समानांतर सुरंग खोली गई।

पॉडकास्टर सेडविक ने 1994 में फोर्टियन टाइम्स में छपे एक पत्र का हवाला दिया, जिसमें 1960 में एक घातक दुर्घटना के बारे में बताया गया था। इसमें कथित तौर पर एक मोटरसाइकिल सवार युवक की मौत हो गई थी। वहीं, सुरंग के बारे में एक घटना और चर्चित है कि जब यह बनाई जा रही थी तब एक बड़ा हादसा हो गया था। इसमें सात मजदूरों की जान चली गई थी। इसे बनाने के लिए तकरीबन 800 मजदूरों ने काम किया था।

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