कब रखा जाएगा इंदिरा एकादशी व्रत, जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त

इंदिरा एकादशी का व्रत रखने से पितरों को यमलोक से मुक्ति मिल जाती है और जीवन में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है यह एक मात्र ऐसी एकादशी है जो पितरों को समर्पित है और इस दिन व्रत पूजन करने से इसका पुण्य भी पितर देवता को मिलता है। 
कब रखा जाएगा इंदिरा एकादशी व्रत, जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को बेहद ही शुभ और पुण्यदायी माना जाता है यह व्रत भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा अर्चना को समर्पित किया गया है इस दिन व्रत पूजन करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद भक्तों को प्राप्त होता है। 

आपको बता दें कि की अश्विन मास में पड़ने वाली एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है यह पितृपक्ष में पड़ती है।  मान्यता है कि पितृपक्ष में इंदिरा एकादशी का व्रत करने से पितरों को स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है । 

साथ ही सभी सुख दूर हो जाते हैं और भक्तों मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है इसलिए श्री विष्णु को समर्पित इंदिरा एकादशी का धार्मिक तौर पर खास महत्व होता है इस साल इंदिरा एकादशी का व्रत 21 सितंबर को रखा जाएगा

तो आज हम आपको इंदिरा एकादशी व्रत के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं :

जानिए इंदिरा एकादशी का मुहूर्त :

धार्मिक पंचांग के अनुसार इंदिरा एकादशी का व्रत और पूजन करने के लिए शुभ मुहूर्त 21 सितंबर को सुबह 6 बजकर 9 मिनट से 9 बजकर 11 मिनट तक है यह समय श्री विष्णु की पूजा के लिए श्रेष्ठ माना गया है। 

वही इसके अलावा 10 बजकर 343 मिनट से 12 बजकर 14 मिनट के बीच का वक्त भी पूजा पाठ के लिए खास होता है इस दिन शिव योग का निर्माण हो रहा है जो कि सुबह 9 बजकर 13 मिनट से आरंभ हो जाएगा। इस दिन पूजा पाठ और उपवास करना लाभकारी होगा। 

वही पंचांग के अनुसार अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 20 सितंबर दिन मंगलवार को 9 बजकर 26 मिनट से आरंभ हो रही है और 21 सितंबर दिन बुधवार को 11 बजकर 34 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।

वही उदयातिथि के मुताबिक इंदिरा एकादशी का व्रत 21 सितंबर को रखना लाभकारी होगा। वही व्रत का पारण अगले दिन 22 सितंबर को सुबह 6 बजकर 9 मिनट से लेकर आप सुबह 8 बजकर 35 मिनट के बीच कर सकते हैं यह समय बहुत ही उत्तम है। 

मान्यता है कि इंदिरा एकादशी का व्रत रखने से पितरों को यमलोक से मुक्ति मिल जाती है और जीवन में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है यह एक मात्र ऐसी एकादशी है जो पितरों को समर्पित है और इस दिन व्रत पूजन करने से इसका पुण्य भी पितर देवता को मिलता है। 

मान्यता है कि इंदिरा एकादशी पर अगर व्रत रखकर पूजा पाठ किया जाए तो पितृदोष भी समाप्त हो जाता है और बिगड़े काम बनने लगते हैं और पितर देव का आशीर्वाद भी मिलता है।  

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