Surya Arghya : सूर्य देव को जल अर्पित करते समय ध्यान रखें ये शुभ मुहूर्त, मिलेंगे ये जबरदस्त फायदे

Surya Arghya : सुबह-सुबह सूर्य को जल चढ़ाना सिर्फ धार्मिक कर्मकांड नहीं, बल्कि सेहत, मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का खज़ाना है। जानिए सही समय, तरीका और इसके जबरदस्त फायदे।
Surya Arghya : सूर्य देव को जल अर्पित करते समय ध्यान रखें ये शुभ मुहूर्त, मिलेंगे ये जबरदस्त फायदे

Surya Arghya : भारतीय संस्कृति में सूर्य को देवता का दर्जा दिया गया है—जीवनदाता, ऊर्जा का स्रोत और मानसिक शक्ति का प्रतीक। रोज़ सुबह जल अर्पित करने की परंपरा न केवल धार्मिक भावना से जुड़ी है, बल्कि इसका गहरा वैज्ञानिक और स्वास्थ्य संबंधी आधार भी है।

जब सूरज की पहली किरणें धरती पर पड़ती हैं, तब उस समय वातावरण अत्यंत शांत और ऊर्जावान होता है। ऐसे में सूर्य को जल चढ़ाना आपके शरीर और मन दोनों के लिए फायदेमंद होता है।

कब और कितनी बार जल चढ़ाना चाहिए?

बहुत से लोग इस सवाल में उलझे रहते हैं—कि दिन में कितनी बार सूरज को जल चढ़ाना उचित है? परंपरागत रूप से, त्रिकाल संध्या के दौरान—सुबह, दोपहर और शाम तीनों समय जल चढ़ाया जाता है।

लेकिन आज की तेज़-रफ्तार ज़िंदगी में हर किसी के पास इतना समय नहीं होता। ऐसे में सिर्फ सुबह सूर्य को जल अर्पित करना भी पर्याप्त है, बशर्ते कि आप इसे श्रद्धा और नियमितता से करें।

जब आप सूरज के सामने खड़े होकर, खुले आकाश में तांबे के लोटे से जल चढ़ाते हैं और वह जल सूर्य की किरणों से होकर गिरता है, तो एक विशेष ऊर्जा का संचार होता है। यह शरीर को भीतर से जागृत कर देता है।

सूर्य को जल चढ़ाने से होने वाले चमत्कारी फायदे

अब बात करते हैं उन फायदों की जो इस छोटी-सी परंपरा से आपको मिल सकते हैं। सबसे पहले तो यह एक बेहद प्राकृतिक तरीका है शरीर को विटामिन D देने का, जो हड्डियों को मज़बूत बनाता है।

इसके अलावा, जब आप हर सुबह सूर्य की तरफ देखते हुए ध्यानपूर्वक जल अर्पित करते हैं, तो वह प्रक्रिया ध्यान जैसी हो जाती है। इससे मानसिक तनाव घटता है और मन शांत रहता है।

धीरे-धीरे यह अभ्यास एक पॉज़िटिव रूटीन बन जाता है, जो दिनभर आपको मानसिक स्थिरता, ऊर्जा और आत्मविश्वास से भर देता है। यह न केवल आपके शरीर को फायदा पहुँचाता है, बल्कि जीवन के प्रति आपका नज़रिया भी बदल देता है।

विज्ञान और श्रद्धा का सुंदर संगम

आज की दुनिया में हम हर चीज़ का तर्क ढूंढ़ते हैं। लेकिन सूर्य को जल चढ़ाना एक ऐसा कर्म है, जिसमें विज्ञान और श्रद्धा दोनों साथ चलते हैं। सुबह की धूप में अल्ट्रावायलेट किरणें कम होती हैं, जिससे आँखों को आराम और दिमाग को शांति मिलती है।

तो अगली बार जब आप सुबह-सुबह नींद में हों और अलार्म को साइलेंस करना चाहें—एक बार यह ज़रूर सोचिएगा कि सिर्फ 5 मिनट सूर्य देव को देने से आपके पूरे दिन की दिशा बदल सकती है।

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