बूढ़ातालाब धरना स्थल को बदलने का निर्णय अनुचित-कर्मचारी संगठन

बूढ़ातालाब धरना स्थल को बदलने का निर्णय अनुचित-कर्मचारी संगठन


रायपुर, 10 मई (हि.स.)।छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने बूढ़ातालाब धरना स्थल को बदलने के जिला एवं पुलिस प्रशासन के निर्णय को अनुचित बताते हुए इसे भारतीय संविधान में प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन निरूपित किया है। साथ ही य़ह कह़ा कि इस संबंध में निर्णय लेने के पूर्व प्रदेश के राजनैतिक दलों, कर्मचारी संगठनों, तथा प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मिडिया के प्रतिनिधियों से भी चर्चा करने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाना चाहिए था।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार झा, जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खॉन ने मीडिया को जारी अपने बयान में है कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने व राज्य की राजधानी रायपुर बनने के पूर्व से लगभग 25-30 वर्षो में धरना स्थल 3-4 बार बदला गया। कालांतर में जयस्तंभ चौक में धरना दिया जाता था। इसके बाद मोतीबाग चौक में धरना दिया जाता था। वहां नगर निगम के अग्निशमन विभाग, निगम कार्यालय व फायर ब्रिगेड कार्यालय होने व धरना के समय आग लगने पर परेशानी के कारण उसे बूढ़ातालाब स्थानांतरित किया गया। बुढ़ातालाब धरना स्थल का चयन किया गया जहां चारो दिशाओं में आवागमन की सुविधा, धरना स्थल मुख्य मार्ग के अंदर व सामने तालाब पानी की व्यवस्था को दृष्टिगत् रखते हुए, धरना रैली की स्थिति की स्थिति में अन्य दिशाओं के मार्गो से आवागमन की व्यवस्था हो जाने के कारण चयनित किया गया। ऐसी स्थिति में प्रदेश के राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों, कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधियों व प्रेस प्रिंट व इलेक्टानिक मीडिया के प्रतिनिधियों से चर्चा करने के बाद ही धरना स्थल बदलने के संबंध में निर्णय लिया जाना चाहिए था।

धरना स्थल बदलने का छग. कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन से संबंद्व 28 मान्यता प्राप्त संगठनों सहित गैरमान्यता प्राप्त संगठन सहित अनेक संगठनों ने बिना किसी सुविधा, सुरक्षा के 28 किलोमीटर दूर संचालनालय -मंत्रालय से भी पृथक स्टेडियम के पास खुले स्थान को चयन करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन है।

हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा

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