Haryana News : रेवाड़ी में बनने जा रहा ऐसा पार्क जो बदल देगा खेती का भविष्य, किसान छोड़ेंगे परंपरागत खेती

Haryana News : रेवाड़ी के खरखड़ा गांव में 4 एकड़ पर हर्बल पार्क बनेगा। 200+ औषधीय पौधे जैसे अश्वगंधा, तुलसी, नीम उगाए जाएंगे। किसानों को मिलेगा बेहतर बीज और आय, पर्यटक सीखेंगे वैदिक उपचार। आयुष विभाग की यह पहल हरियाणा में ग्रामीण विकास और पर्यटन को बढ़ावा देगी।
Haryana News : रेवाड़ी में बनने जा रहा ऐसा पार्क जो बदल देगा खेती का भविष्य, किसान छोड़ेंगे परंपरागत खेती

Haryana News : हरियाणा के रेवाड़ी जिले में एक नई उम्मीद की किरण जाग रही है। खरखड़ा गांव की चार एकड़ जमीन पर जल्द ही एक अनूठा हर्बल पार्क अपनी शोभा बढ़ाएगा। यह पार्क न केवल प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र होगा, बल्कि स्थानीय किसानों के लिए भी आर्थिक उन्नति का द्वार खोलेगा। औषधीय पौधों की खेती और वैदिक उपचार की जानकारी से लबरेज यह परियोजना हरियाणा के ग्रामीण परिदृश्य को नया रंग देगी।

किसानों के लिए नई राहें

आयुष विभाग के महानिदेशक संजीव वर्मा ने इस परियोजना को गति देने के लिए अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि हर्बल पार्क की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट जल्द तैयार की जाए। वर्मा का मानना है कि यह पार्क किसानों को परंपरागत खेती से हटकर औषधीय पौधों की खेती की ओर प्रेरित करेगा।

गुणवत्तायुक्त बीज और पौधों की उपलब्धता से किसानों को अपनी फसलों का बेहतर मूल्य प्राप्त होगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। यह पहल न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करेगी, बल्कि हरियाणा को औषधीय खेती के क्षेत्र में एक नया मुकाम भी दिलाएगी।

प्रकृति का अनमोल उपहार

हर्बल पार्क में 200 से अधिक प्रकार की जड़ी-बूटियां अपनी हरियाली बिखेरेंगी। पत्थरचट्टा, एलोवेरा, नीम, अश्वगंधा, तुलसी और सर्पगंधा जैसी औषधीय पौधों के साथ-साथ दुर्लभ प्रजातियां जैसे रुद्राक्ष, सफेद चंदन और गोंद कतीरा भी यहां उगाई जाएंगी। ये पौधे न केवल स्वास्थ्यवर्धक हैं, बल्कि आयुर्वेदिक और वैदिक चिकित्सा में भी इनका विशेष महत्व है। पर्यटक यहां आकर इन जड़ी-बूटियों के गुणों और उनके उपयोग के बारे में जान सकेंगे, जिससे प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।

पर्यटन और संस्कृति का संगम

यह हर्बल पार्क केवल औषधीय पौधों का संग्रह नहीं होगा, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और शैक्षिक केंद्र के रूप में भी उभरेगा। पर्यटकों को यहां वैदिक उपचार और आयुर्वेद की गहरी जानकारी मिलेगी, जो उन्हें प्रकृति के करीब लाएगी। खरखड़ा गांव का यह नया आकर्षण हरियाणा के पर्यटन मानचित्र पर एक चमकता सितारा बन सकता है। स्थानीय निवासियों को भी इससे गर्व महसूस होगा, क्योंकि उनकी जमीन अब स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक बनेगी।

हरियाणा का उज्ज्वल भविष्य

हर्बल पार्क की यह पहल हरियाणा के ग्रामीण विकास में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। यह परियोजना न केवल किसानों की आय बढ़ाएगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक चिकित्सा को भी बढ़ावा देगी। खरखड़ा गांव का यह प्रयास अन्य क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है। जैसे-जैसे यह पार्क अपनी जड़ें मजबूत करेगा, वैसे-वैसे हरियाणा का नाम औषधीय खेती और पर्यटन के क्षेत्र में और ऊंचा उठेगा।

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