जानकी नवमी: श्री राम मंदिरों में जानकी जी का हुआ जन्माभिषेक, गूंज उठी बधाइयां

जानकी नवमी: श्री राम मंदिरों में जानकी जी का हुआ जन्माभिषेक, गूंज उठी बधाइयां


जयपुर, 10 मई (हि.स.)। वैशाख शुक्ल नवमी पर मंगलवार को सीताराम मंदिरों में सीता जी का प्राकट्य दिवस यानी जानकी नवमी मनाई मनाई गई। शहर के चांदपोल, छोटी चौपड़, गलता जी, टोंक फाटक, राजापार्क,सोडाला सहित अन्य सीता राम मंदिरों में जानकी जी का जन्माभिषेक कार्यक्रम के साथ पूजा-अर्चना किया गया । इसके बाद जन्म की आरती की हुई। इस मौके पर मंदिरों में बधाइयां गाई गई।

चांदपोल बाजार स्थित ठिकाना मंदिर श्री रामचन्द्रजी में श्री सीता जी का जन्मदिवस मनाया गया। महंत राधेश्याम तिवारी ने बताया कि ठाकुर जी का मंत्र उच्चारण, विधि विधान के साथ पंचामृत अभिषेक किया गया। दुग्ध, घृत, बुरा, शहद, दही, इत्र, गुलाब, मोगरा, खस, केसर, चंदन, फल आदि से मिश्रित सुगंधित जल मेवे मिलाया हुआ दूध आदि से सीता जी का अभिषेक किया गया। इसके बाद रजवाड़े समय कालीन आभूषण से श्रंगार कर राजसी जामे की पोशाक धारण करवाई गई। साथ ही 51 हवाई तोपों की सलामी देकर 'सुनयना रानी गोद खिलावे प्यारी जानकी..., आज महामंगल मिथलपुर, घर घर बजत बधाई री... जैसी बधाइयां गाई गई। दोपहर में जन्म आरती हुई, इसके बाद पंजीरी पंचामृत वितरण किया गया। वहीं उत्तर भारत की प्रमुख वैष्णव पीठ गीता जी में जानकी नवमी महोत्सव मनाया गया।

श्री गलता पीठ में पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य के सानिध्य में जानकी जी के तीन दर्शन (स्वयंवर, वनवास व राज्याभिषेक) के अतिप्राचीन विग्रहों का पंचद्रव्यों, सर्वऔषधि, सहस्त्रधारा से जन्माभिषेक किया गया। माता जानकी जी का वैदिक विधि से कलशों और विविध औषधियों, रसों, अनेक द्रव्यों से तिरुमंजन अभिषेक किया। तुलसी-पुष्पों से सहस्त्रार्चन कर महाआरती हुई, भक्तों ने सीताजी का तिरुमंजन अभिषेक, तुलसी-पुष्पों से सहस्त्रार्चन और महाआरती के दर्शन किए। सभी के उत्तम स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य और दीर्घायु की कामना की गई।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/ ईश्वर

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