NGT की पंजाब सरकार को दो टूक, कहा-सरकार पराली जलने से रोकने में हो रही नाकाम

एनजीटी ने पंजाब सरकार को तल्ख लहजे में कहा कि आप सिर्फ नारे ही लगाते रहे हैं। आपके राज्य ने मामले की गंभीरता को समझा ही नहीं है। इस मामले में आपके राज्य ने ही सबसे बड़ा योगदान दिया है।
NGT की पंजाब सरकार को दो टूक, कहा-सरकार पराली जलने से रोकने में हो रही नाकाम 
न्यूज डेस्क, दून हॉराइज़न, चंडीगढ़ (पंजाब)

पराली के मुद्दे पर पंजाब सरकार चौतरफा दबाव में है। सोमवार को नई दिल्ली में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में विफल रहने के लिए पंजाब सरकार की खिंचाई की। एनजीटी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पंजाब में पराली जलाने के 33 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं।

एनजीटी की बेंच ने कहा कि यह पूरी तरह से प्रशासनिक असफलता का मामला है, क्योंकि यह मामला जब चर्चा का विषय बना, तब तक पंजाब में पराली जलाने के 600 केस ही सामने आए थे लेकिन अब यह आंकड़ा 33 हजार को पार कर गया है।

एनजीटी की तरफ से कहा गया कि ऐसे हालात उस समय हैं जब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी दोनों कर रहे थे। इसके बावजूद पंजाब सरकार की तरफ से ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे। बेंच ने कहा कि पंजाब सरकार का पूरा प्रशासन काम पर लगा है और फिर भी सरकार इस मामले में फेल है।

बेंच ने सवाल किया कि जब पराली जलाने पर रोक लगाने का आदेश दे दिया गया था, तब भी ऐसा क्यों हुआ? गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पराली जलाने के मामलों पर तुरंत रोक लगनी चाहिए और अगर ऐसा नहीं होता है तो स्थानीय थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के अलावा यूपी, राजस्थान, हरियाणा के मुख्य सचिवों से भी कहा था कि वे आदेश के पालन को सुनिश्चित करें।

सोमवार को सुनवाई के दौरान एनजीटी ने पंजाब सरकार पर ऐसे मामलों में कार्रवाई में भी भेदभाव करने का आरोप लगाया। बेंच ने कहा कि कुछ चुनिंदा लोगों पर ही कार्रवाई की जा रही है। यही कारण है कि पराली जलाने के 1500 मामलों की जानकारी तो दी गई लेकिन केस सिर्फ 829 ही दर्ज किए गए। बेंच ने पंजाब से सवाल किया कि आखिर नियमों का उल्लंघन करने वाले सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

एनजीटी ने पंजाब सरकार को तल्ख लहजे में कहा कि आप सिर्फ नारे ही लगाते रहे हैं। आपके राज्य ने मामले की गंभीरता को समझा ही नहीं है। इस मामले में आपके राज्य ने ही सबसे बड़ा योगदान दिया है।

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